तेल अवीव: इजरायली सेना ने गाजा में अपने ही देश के तीन लोगों को मार डाला, जिन्हें हमास ने बंधक बनाया हुआ था। इजरायली सैन्य अधिकारियों के अनुसार गलत पहचान के चलते की गई फायरिंग में इन तीनों की मौत हुई है। इजरायली सैनिकों ने शुजाया में लड़ाई के दौरान तीन इजरायली बंधकों को देखकर उनको एक खतरे के रूप में पहचान लिया और सैनिकों ने उन पर फायरिंग कर दी, जिससे ये तीनों मारे गए। इजरायली सेना ने मारे गए बंधकों को परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए घटना की पारदर्शिता के साथ जांच की बात कही है।
हमने घटना से सबक सीखा है
आईडीएफ ने कहा है कि ये घटना एक सबक है। और युद्ध क्षेत्र के सभी सैनिकों को जरूरी दिशा निर्देश दिए हैं। घटना पर गहरा पश्चाताप व्यक्त करते हुए आईडीएफ ने तुरंत घटना की समीक्षा शुरू कर दी है। इजरायली सेना के मुख्य प्रवक्ता डैनियल हगारी ने कहा कि ये साफ नहीं है कि तीनों बंधक भाग निकले थे या उन्हें छोड़ दिया गया था। उन्होंने कहा कि सभी पहलुओं की जांच हम करेंगे और घटना के पीछे की सभी वजह ढूंढने की कोशिश करेंगे।
30 साल से कम थी तीनों बंधकों की उम्र
इजरायली सेना ने गलती से जिन तीन बंधकों को मार देने की बात स्वीकारी है। उन तीन बंधकों की पहचान 28 वर्षीय योतम हैम, 25 वर्षीय समेर अल-तलालका और 26 वर्षीय अलोन शमरिज के तौर पर हुई है। तीनों युवकों का 7 अक्टूबर को हमास के हमले के दौरान इजरायल से अपहरण कर लिया गया था। इन तीनों पर फायरिंग की घटना गाजा के शुजाया इलाके में हुई जहां हाल के दिनों में सबसे भीषण लड़ाई देखी गई है। आईडीएफ प्रवक्ता हगारी ने कहा कि सेना शुक्रवार की सुबह हुई इस दुखद घटना के लिए पूरी ज़िम्मेदारी लेता है।
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