Turkiye Earthquake: तुर्किये-सीरिया (Turkish-Syrian) में पिछले सोमवार आए भूकंप (Earthquake) ने पूरी दुनिया को दहला दिया था। 6 फरवरी को नौ घंटे के अंतराल पर आए 7.8 और 7.5 तीव्रता ने भारी तबाही की। भूकंप से अब तक 41 हजार से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। भूकंप इतना भयावह था कि कई देशों से वहां बचावकर्मियों को भेजा गया था। बता दें कि तुर्किये की मदद के लिए भारत से भी NDRF की टीम भेजी गई थी, जो अब वापस देश लौट आई है। भारत की ओर से भेजे गए इस टीम में डॉग स्क्वाड के सदस्य रैम्बो और हनी व 47 सदस्यीय भी हैं, जो शुक्रवार को भारत लौट आए हैं।
करीब 10 दिनों तक चला यह ऑपरेशन
बता दें कि तुर्किये में भूकंप आने के 24 घंटे के भीतर भारत ने एनडीआरएफ की टीम तुर्किय भेजा था। इसे ऑपरेशन दोस्त नाम दिया गया था। भूकंप के तुरंत बाद प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर तुर्किये और सीरिया को मदद का भरोसा दिलाया था और इसके तुरंत बाद भारत ने ऑपरेशन दोस्त की शुरूआत की थी। भारत की ओर से गए इस टीम ने साहसी कार्यों से कई हजारों जानें बचाईं। वहां बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ की आठवीं बटालियन के जवानों को भेजा गया था। यह ऑपरेशन करीब 10 दिनों तक चला । ऑपरेशन दोस्त चलाकर एनडीआरएफ की एक टीम शुक्रवार को भारत लौट आई है। यह ऑपरेशन काफी सफल हुआ है। बता दें कि एनडीआरएफ जवानों का पहला सी-17 ग्लोबमास्टर विमान सुबह 9:00 बजे गाजियाबाद के हिंडन एयरपोर्ट पहुंचा।
लौटे जवानों का हिंडन एयरफोर्स स्टेशन पर हुआ जोरदार स्वागत
6 फरवरी को एनडीआरएफ के 50 से अधिक कर्मियों के साथ एक भारतीय वायु सेना का सी-17 विमान राहत सामग्री लेकर तुर्किये के लिए रवाना हुआ था। इस ऑपरेशन के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित डॉग स्क्वॉड के साथ आवश्यक उपकरण, चिकित्सा साहायता के लिए जरूरी चीजें समेत अन्य जरुरी सामान भेजा गया था। बता दें कि सफल ऑपरेशन दोस्त से लौटे भारतीय जवानों का हिंडन एयरफोर्स पर एनडीआरएफ के अधिकारियों ने जोरदार स्वागत किया गया। इसके बाद ऑपरेशन दोस्त की टीम गोविंदपुरम स्थित बटालियन के लिए रवाना हो गए।
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