इस्ला्म के दो सबसे पवित्र शहरों मक्का और मदीना के देश सऊदी अरब में शराब की पहली दुकान खुलने जा रही है। सऊदी अरब ने अपनी राजधानी रियाद में शराब के पहले स्टोर को मंजूरी दी है। शराब का यह स्टोर खासतौर पर गैर मुस्लिम विदेशी राजनयिकों के लिए होगा। शराब को खरीदने के लिए एक मोबाइल स्टोर के जरिए कस्टमर को रजिस्टर करना होगा। इसके बाद उन्हें क्लियरेंस कोड मिलेगा। प्रत्येक कस्टमर का महीने का कोटा होगा। सऊदी अरब में कट्टर इस्लामिक कानून लागू हैं और शराब पीना हराम माना जाता है और यही वजह है कि बिक्री बैन है। सऊदी अरब की इस मंजूरी के बाद अब पाकिस्ताबन की सरकार दुविधा में फंस गई है जहां शराब से बैन है लेकिन हर जगह आसानी से मिल जाती है।
सऊदी प्रिंस का प्लान 'दुबई'
सऊदी प्रिंस यूएई की इस सफलता को अपने यहां दुहराना चाहते हैं। यही वजह है कि वह अरबों डॉलर खर्च करके नयोम नाम से एक नया शहर बसा रहे हैं। सऊदी अरब की यह शराब की दुकान रियाद के राजनयिक इलाके में होगी जहां दूतावास स्थित हैं। यह शराब सिर्फ और सिर्फ गैर मुस्लिमों को ही बेची जाएगी। अभी यह साफ नहीं है कि क्या अन्य गैर मुस्लिम प्रवासी भी इस दुकान से शराब खरीद सकते हैं या नहीं। सऊदी अरब में लाखों की तादाद में विदेशी कामगार काम करते हैं लेकिन उनमें से ज्यादातर एशिया और मिस्र के मुस्लिम हैं।
सऊदी अरब में शराब पीने पर बहुत कड़ी सजा है। इसमें सैकड़ों की तादाद में कोड़े, डिपोर्ट किया जाना, जुर्माना या जेल की सजा शामिल है। अब कोड़े मारने को कम कर दिया गया है और उसकी जगह पर जेल की सजा को दिया जा रहा है। सऊदी अरब ने हाल के दिनों में कई कट्टर नियमों में बदलाव किया है और महिलाओं को बुर्का पहनने पर भी राहत दी है।
पाकिस्ताान पर भी बढ़ा दबाव
इसमें स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा देने पर जोर है ताकि स्थानीय लोगों को नौकरी मिल सके। सऊदी अरब के बाद अब पाकिस्तान सरकार पर भी दबाव बढ़ गया है कि वह शराब को मंजूरी दे। अब तक सऊदी अरब की राह पर चलते हुए पाकिस्तान ने इसकी मंजूरी नहीं दी थी लेकिन वहां हर शहर में आसानी से शराब मिल जाती है। यही नहीं पाकिस्तान में चीन के लिए शराब भी बनाई जा रही है।
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