सियोल: दक्षिण कोरिया ने 14 फरवरी को कहा कि उत्तर कोरिया (North Korea) में खाद्य संकट के हालात बिगड़ते जा रहे हैं। दो दशकों से भी अधिक समय में ऐसा पहली बार हुआ है कि उत्तर कोरिया ने अपने सैनिकों के लिए खाद्यान आपूर्ति में कटौती की है। एक तरफ जहां पाकिस्तान आर्थिक तंगी से जुझ रहा है, वहीं दूसरी तरफ उत्तर कोरिया में भी खाद्दान्न आपूर्ती को लेकर कुछ ऐसी ही स्थिति बनी हुई है। लेकिन आपको बता दें कि उत्तर कोरिया के हालात आर्थिक तंगी की वजह से नही है, दरअसल उत्तर कोरिया ने खाद्यान की गंभीर कमी की बात स्वीकार की है।
ये है खाद्दान्न में कमी की वजह
उत्तर कोरिया के साथ संबंधों का प्रबंधन करने वाले साउथ कोरिया (North Korea) के एकिकरण मंत्रालय ने एक वक्तव्य में कहा कि उत्तर कोरिया का खाद्यान संकट बहुत गंभीर दिखाई दे रहा है। उत्तर कोरिया ने 1990 के अकाल को मिलाकर हालिया दशकों में गंभीर खाद्यान कमी का सामना किया है। एक रिपोर्ट में बताया गया की यह संकट प्राकृतिक आपदाओं की वजह से आया है।
इसका कारण बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाएं रही हैं। इस अलग-थलग पड़ चुके देश पर उसके न्यूकलियर हथियारों और बैलेस्टिक मिसाइल कार्यक्रमों के कारण कई अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध लगाए गए हैं। हालिया सालों में उत्तर कोरिया ने कोविड-19 के कारण लगाए गए लॉकडाउन के कारण सीमा व्यापार को भी सीमित किया है।
साल 2000 के बाद बनी ऐसी स्थिति
दक्षिण कोरिया के एक अखबार ने बुधवार को कहा कि उत्तर कोरिया ने सन 2000 के बाद पहली बार अपने सैनिकों के लिए खाद्यान आपूर्ति में कटौती की है। एकिकरण मंत्रालय ने कहा कि वे मीडिया रिपोर्ट की पुष्टी नहीं कर सकते लेकिन दूसरी संस्थाएं परिस्थितियों पर नजर रखे हुए है।
6 फरवरी को उत्तर कोरिया की स्टेट न्यूज एजेंसी केसीएनए ने रिपोर्ट छापी थी कि देश की वर्कर्स पार्टी ने फरवरी के अंतिम दिनों में एक महत्पूर्ण बैठक बुलाई है। इस बैठक में कृषि के विकास के लिए रणनिति बनाई जाएगी।
मांगी अंतरराष्ट्रीय मदद
दक्षिण कोरिया के एकिकरण मंत्री क्नो योंग-से ने संसद में बताया कि कोरिया की खाद्य स्थितियां बहुत अच्छी नहीं लग रहीं। उत्तर कोरिया ने यूएन फूड एजेंसी, वर्ल्ड फूड प्रोग्राम से मदद मांगी है लेकिन इसपर कोई सहमति नहीं बनी है।
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