मालदीव की सत्ता में बदलाव आ गया है। मोहम्मद मुइज्जू जीतने के बाद चीन के गुलाम की तरह काम कर रहे हैं। चीन के कथित रिसर्च जहाज ‘जियांग यांग होंग 3' को मालदीव में रुकने की इजाजत दी गई है। मालदीव का कहना है कि यह जहाज मालदीव के जलक्षेत्र में कोई रिसर्च कार्य नहीं करेगा। लेकिन भारतीय रक्षा प्रतिष्ठान के सूत्रों ने कहा कि भारत जहाज की आवाजाही पर नजर रखे हुए है। यह कोई रहस्य नहीं है कि चीन के जहाज भारत के तट पर रुकते हैं और यह अक्सर नौसेना के मिसाइल कार्यक्रम के साथ मेल खाता है। पिछले साल चीन का ऐसा ही जहाज श्रीलंका के तट पर पहुंचा था। भारत ने इस पर की आपत्ति के बाद श्रीलंका ने इसे रुकने से मना कर दिया था।
मिसाइल परीक्षण करने वाला है भारत!
जियांग यांग होंग 3 ने चीन के तियान्या जिले में सान्या बंदरगाह से अपनी यात्रा शुरू की। चीनी सेना ने अपनी वेबसाइट पर कहा कि हिंद महासागर क्षेत्र में अनुसंधान का उद्देश्य प्राकृतिक आपदाओं की रोकथाम और कमी को बढ़ावा देना है। स्वतंत्र खुफिया शोधकर्ता डेमियन साइमन के मुताबिक भारत ने अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में नो फ्लाई जोन घोषित किया है। यह संभावित मिसाइल परीक्षण का संकेत देता है। साइमन ने लिखा, 'रिसर्च पोत की गतिविधियां हिंद महासागर में भविष्य के सैन्य अभियानों के लिए हो सकता है, जो भारत के रणनीतिक हितों के लिए संभावित खतरा है।'
भारत से मालदीव का विवाद
साइमन ने यह भी आरोप लगाया कि चीनी पोत हिंद महासागर की मैपिंग में लगा है। यह पहली बार नहीं है कि किसी चीनी सैन्य अनुसंधान पोत को जासूसी के लिए हिंद महासागर में देखा गया है। पिछले साल अक्टूबर में चीन का शी यान-6 भी श्रीलंका के तट पर दिखा था। मालदीव की ओर से चीनी जहाज को रुकने की इजाजत तब दी गई है, जब भारत के साथ उसका विवाद चल रहा है। मालदीव के नए राष्ट्रपति मुइज्जू ने भारतीय सैनिकों की एक छोटी संख्या को देश छोड़ने को कहा है।
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