नई दिल्ली. अरब सागर में समुद्री डकैती को रोकने के लिए तैनात भारतीय नौसेना (Indian Navy) के जहाजों में एक ने अरब सागर में माल्टा के झंडे वाले जहाज एमवी रुएन (MV Ruen) के अपहरण से जुड़ी एक घटना पर तेजी से प्रतिक्रिया दी है. 18 चालक दल वाले जहाज को 6 लोगों ने हाईजैक कर लिया है. इसके बारे में इमरजेंसी मैसेज मिलने के तत्काल बाद नौसेना के हवाई जहाज और युद्धपोत समुद्री डाकुओं के चंगुल में फंसे जहाज की ओर बढ़ने लगे. हाईजैक हुए जहाज के पास सबसे पहले भारतीय नौसेना के जहाज पहुंचे हैं. नौसेना पूरी तरह से जहाज पर नजर बनाए हुए है.
हाईजैक हुए जहाज की लोकेशन पता लगी
अरब सागर में भारतीय नौसेना ने हाईजैक हुए जहाज की लोकेशन पता लगा ली है. अभी तक हाईजैक की जिम्मेदारी किसी ने नहीं ली है. पर सूत्रों के मुताबिक हाईजैक किए गए समाज पर सोमालिया के समुद्री डाकू हो सकते हैं. जहाज फिलहाल सोमालिया के तट की ओर बढ़ रहा है. समुद्री डकैती रोधी गश्त के लिए अदन की खाड़ी में तैनात भारतीय नौसेना के एक युद्धपोत ने आज तड़के एमवी रुएन का रास्ता रोक लिया है. इलाके में अन्य एजेंसियों/एमएनएफ के साथ मिलकर पूरे हालात पर बारीकी से नजर रखी जा रही है.
यूकेएमटीओ पोर्टल पर मिला था संदेश
बताया गया कि जहाज ने यूकेएमटीओ पोर्टल पर संदेश भेजा था. जिसमें लगभग छह अज्ञात लोगों के जहाज पर सवार होने का संकेत दिया गया था. इस हालात पर तेजी से प्रतिक्रिया करते हुए भारतीय नौसेना ने इलाके में निगरानी करने वाले अपने नौसेना समुद्री गश्ती विमान पहले भेजा. बाद में एमवी रुएन का पता लगाने और उसकी मदद करने के लिए अदन की खाड़ी में एंटी पाइरेसी गश्त पर तैनात अपने युद्धपोत को भेज दिया. विमान ने 15 दिसंबर की सुबह अपहृत जहाज के ऊपर से उड़ान भरी और नौसेना का विमान लगातार जहाज की गतिविधि की निगरानी कर रहा है.
समुद्री डाकुओं के लिए जन्नत है ये खाड़ी, हमले और फिरौती से करते हैं करोड़ों-अरबों की कमाई
बताया गया कि मालवाहक जहाज अब सोमालिया के तट की ओर बढ़ रहा है. भारतीय नौसेना ने इस इलाके में समुद्री अपराधों को रोकने के लिए सबसे पहले प्रतिक्रिया की. अंतर्राष्ट्रीय साझेदारों और मित्र देशों के साथ इंडियन नेवी व्यापारी जहाजों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है.
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