वाशिंगटन: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के ऊपर संकट के बादल गहरा रहे हैं। दरअसल, अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (International Criminal Court) ने व्लादिमीर पुतिन (Putin Arrest warrant) की गिरफ्तारी के लिए वारंट जारी किया है। बता दें कि यह वारंट यूक्रेन में युद्ध अपराधों और यूक्रेनी बच्चों को अगवा कर रूस ले जाने के मामलों में जारी हुआ है। पुतिन के खिलाफ वारंट जारी किए जाने के बाद यूक्रेन अमेरिका समेत कई देशों ने अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के फैसले की सरहाना की है।
कई देशों ने की अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के फैसले की सराहना
इसी बीच शुक्रवार को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने युद्ध अपराध को अंजाम दिया है। वो अंतरराष्ट्रीय कोर्ट (Putin Arrest warrant) के फैसले का स्वागत करते हैं। साथ ही अमेरिका, कनाडा, पोलैंड और चेक रिपब्लिक समेत कई अन्य देशों ने भी अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के फैसले का स्वागत किया है। यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने आईसीसी के इस फैसले की सरहाना की है। इस फैसले को जेलेंस्की ने 'ऐतिहासिक' फैसला बताया है।
यूक्रेन के राष्ट्रपति ने इसे ऐतिहासिक फैसला बताया
जेलेंस्की ने सोशल मीडिया पर कहा,'यह एक ऐतिहासिक फैसला है, जिससे ऐतिहासिक जिम्मेदारी शुरू होगी।' इससे पहले पुतीन के खिलाफ वारंट जारी होने के बाद जेलेंस्की ने कहा था कि यह तो महज शुरुआत है।
तीसरे राष्ट्रपति जिनके पद पर रहते हुए जारी हुआ वारंट
बता दें कि पुतिन दुनिया के तीसरे ऐसे राष्ट्रपति हैं जिनके पद पर रहने के दौरान गिरफ्तारी के लिए वारंट जारी हुआ है। उनसे पहले अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने सूडान के राष्ट्रपति ओमर अल-बशीर और लीबिया के राष्ट्रपति मुअम्मर गद्दाफी की गिरफ्तारी का वारंट जारी किया था।
जानें क्या है इस वारंट का मतलब
इस वारंट के जारी होने का मतलब यह है कि अब अगर पुतिन न्यायालय को मान्यता देने वाले किसी भी देश की यात्रा करते हैं तो उन्हें वहां पर गिरफ्तार किया जा सकता है। उन्हें हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के समक्ष पेश किया जा सकता है।
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