चीन ने लगभग छह दशक पहले लोप नूर में परमाणु बम का परीक्षण किया था, हाल में वहां की गतिविधियों ने चिंता पैदा कर दी है। द न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक एक ड्रिलिंग रिग से जमीन में छेद किया गया है, जो संभावित रूप से 500 मीटर से ज्यादा गहरा है। इस बात की चिंता जताई जा रही है कि चीन एक नए परमाणु हथियार की टेस्टिंग कर सकता है, जिससे उसके न्यूक्लियर शस्त्रागार की घातकता बढ़ जाएगी। अमेरिकी सरकार की रिपोर्ट में लोप नूर बेस चिंता का विषय रहा है।
क्या परमाणु टेस्टिंग का नया युग फिर शुरू
लॉस एलामोस हथियार प्रयोगशाला के पूर्व निदेशक सिगफ्रीड एस हेकर ने कहा कि लोप नूर में एक बार फिर से इतना निर्माण असामान्य है। अमेरिका और रूस से चीन की गतिविधि अलग है। उन्होंने कहा कि रूसी और अमेरिकी लोगों ने अपने परीक्षण स्थलों पर गतिविधि जारी रखी है। लेकिन इतना कुछ नहीं किया। विश्लेषकों का कहना है कि लोप नूर की गतिविधि दिखाती है कि चीन ने अपने परमाणु प्रतिष्ठान का व्यापक आधुनिकीकरण किया है।
क्या हासिल करना चाहता हैं चीन
विश्लेषकों की ओर से यह भी चेतावनी दी गई है कि अन्य परमाणु शक्तियों के साथ मिलकर चीन की कार्रवाइयां 1996 के वैश्विक परीक्षण प्रतिबंध को कमजोर कर सकती है। अमेरिका के साथ तनावपूर्ण संबंधों के बीच चीन की गतिविधियां चिंता बढ़ाने वाली है। अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने वर्षों से लोप नूर के बेस डेवलपमेंट की निगरानी की है। उन्होंने यहां निर्माण को स्वीकार किया है। लेकिन अभी भी वह इसके सटीक उद्देश्य को लेकर अनिश्चित हैं।
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