Bhopal: सूडान (Sudan Crisis) में मिलिट्री और पैरामिलिट्री की लड़ाई के बीच सूडान की राजधानी खार्तूम में करीब डेढ़ हजार भारतीय भी फंस गए हैं। इनमें भोपाल के 23 साल का युवा कारोबारी जयंत केवलानी भी शामिल है। बताया जा रहा है की सूडान में यूक्रेन-रूस वॉर से भी बुरे हालात हैं। जयंत केवलानी ने बताया कि यहां पिछले चार दिनों से बिजली नहीं है। अंधेरे में ही रह रहे हैं। पानी और राशन भी खत्म हो रहा है। जिस बिल्डिंग में रह रहे हैं, ठीक उसके सामने ही मिलिट्री कैम्प है, जहां बमबारी हो रही है। जयंत 20 अप्रैल को सूडान से दुबई लौटने वाले थे, तभी वहां लड़ाई शुरू हो गई।
सरकार से लगाई गुहार
जयंत चने और तूअर दाल का इंपोर्ट-एक्सपोर्ट का बिजनेस करते हैं। पिता नरेंद्र केवलानी समेत उनका परिवार भोपाल के संत हिरदाराम नगर (बैरागढ़) में रहता है। करीब डेढ़ महीने पहले वह सूडान (Sudan Crisis) में बिजनेस मीटिंग में शामिल होने गए थे। 20 अप्रैल को लौटने वाले थे, तभी 15 अप्रैल को लड़ाई शुरू हो गई और वे वहीं फंस गए। जयंत ने बताया कि धमाकों से डर लग रहा है। सरकार जल्द उन्हें वापस वतन ले जाए।
बिजनेस मीटिंग में शामिल होने गए थे सूडान
सूडान में फंसे जयंच ने बताया कि 'मैं बिजनेस के सिलसिले में अक्सर दुबई, सूडान, भारत समेत अन्य देशों की यात्रा करता हूं। डेढ़ महीने पहले सूडान आया था। वहां मीटिंग अटैंड की। 20 अप्रैल को दुबई के लिए फ्लाइट थी। मैं दुबई जाने की तैयारी कर रहा था, तभी सूडान में छिड़ी जंग ने जिंदगी ही बदल दी। बात 15 अप्रैल की सुबह करीब 10 बजे की है। अचानक तेज सायरन बजा। कुछ ही मिनट में तेज धमाके होने लगे। खिड़की से झांककर देखा, तो हवा में मिसाइलें उड़ रही थीं। इसके बाद से ही लगातार धमाके हो रहे हैं। स्थिति यह है कि घर की खिड़की से बाहर नहीं झांक सकते। हर तरफ मिलिट्री और दूसरे पक्ष के लोग हथियारों के साथ लैस है।'
डेढ़ हजार से ज्यादा भारतीय फंसे
सूडान (Sudan Crisis) की राजधानी खार्तूम के बीच सेंटर में रहते हैं। दो किलोमीटर दूर ही एयरपोर्ट है। मैं जिस कैम्पस में रहता हूं, वहां 100 से ज्यादा लोग रहते हैं। मेरी बिल्डिंग के ठीक सामने मिलिट्री कैम्प है। मिलिट्री और पैरामिलिट्री के बीच लड़ाई होने से बम-गोलियां भी दागे जा रहे हैं। इससे बिल्डिंग में ही गोलियां फंस गई हैं। डर के मारे पिछली बिल्डिंग में रह रहे हैं। कैम्पस में हर कोई सहमा हुआ है। इंडियन एम्बेसी के अधिकारियों के परिवार भी फंसे हैं। इनमें नन्हे बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक शामिल हैं। खार्तूम की बात करें, तो डेढ़ हजार से ज्यादा भारतीय हैं।
ना खाना, ना पानी, ना बिजली ऐसे कट रहे दिन
लड़ाई के साथ ही खार्तूम में चार दिन से बिजली नहीं है। इस कारण मोबाइल चार्ज करना तक मुश्किल हो रहा है। एक-दो दिन और बिजली नहीं आई तो परिवार वालों से बात भी नहीं कर पाएंगे। घर में जमा पानी खत्म हो रहा है। खाने-पीने का सामान भी कम ही बचा है।
Written By- Shoaib khan
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