Joe Biden: अमेरिकी संसद के निचले सदन हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स ने COVID-19 की उत्पत्ति से संबंधित खुफिया जानकारी को सार्वजनिक करने के प्रस्ताव को व्यापक रूप से स्वीकार कर लिया है। इस विनाशकारी महामारी के प्रकोप के तीन साल बाद, जिसने दुनिया भर में लाखों लोगों की जान ले ली है, अमेरिकी विधायकों ने 0 से 419 के वोट से डिक्लासिफिकेशन को मंजूरी दे दी है।
हस्ताक्षर के लिए व्हाइट हाउस जाएगा प्रस्ताव
गत मार्च 1 को सीनेट ने सर्वसम्मत सहमति से विधेयक पारित किया था। अब यह प्रस्ताव राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) के हस्ताक्षर करने के लिए व्हाइट हाउस जाएगा। हाउस इंटेलिजेंस कमेटी के अध्यक्ष माइकल टर्नर के मुताबिक, अमेरिकी जनता कोविड-19 महामारी के हर पहलू के बारे में जवाब हासिल करने की हकदार है।
प्रस्ताव पर राष्ट्रपति Joe Biden की लगेगी मुहर
इस कवायद से जो खुफिया जानकारी उजागर की जाएगी उसमें वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी और कोरोना वायरस रोग की उत्पत्ति के बीच संभावित लिंक से संबंधित जानकारी भी होगी। यदि इस प्रस्ताव पर राष्ट्रपति बाइडेन की (Joe Biden) मुहर लग जाती है तो 90 दिनों के अंदर अमेरिकी खुफिया एजेंसियों की फाइलों में इस बारे में दर्ज जानकारियां सामने आ जाएंगी।
पुरे विश्व ने झेला कोरोना का प्रकोप
दुनियाभर में फैले कोराना महामारी के चलते अब तक 68 लाख 11 हजार 353 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, इस महामारी की चपेट में 68 करोड़ 14 लाख 19 हजार 103 संक्रमित हो चुके हैं। इनमें से 654,302,556 लोग ठीक हो चुके हैं। महामारी से सबसे ज्यादा नुकसान अमेरिका ने झेला है। यहां 11 लाख 48 हजार 765 लोगों ने अपनी जान गवांई। वहीं, अमेरिका के बाद भारत को सबसे ज्यादा नुकसान झेलना पड़ा है। यहां 5 लाख 30 हजार से ज्यादा लोगों की मौत दर्ज हुई।
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