चीन ने बॉर्डर के पास एक नया हाईवे बनाकर तैयार कर दिया है। दोनों देशों के बीच सीमा पर विवादित जगह के एकदम करीब ये रोड बनाया गया है, जो संभावित रूप से किसी संघर्ष के दौरान पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के सैनिकों की तेजी से बॉर्डर तक पहुंचा सकता है। इस नई सड़क के बनाए जाने के पीछे चीन की वह सोच है, जिसके तहत उसकी सशस्त्र सेनाओं को तुरंत संघर्ष की जगह पहुंचाया जा सकता है। बीजिंग में जुलाई 2022 में 'झिंजियांग से बाहर और तिब्बत में रणनीतिक मार्ग' बनाने का फैसला हुआ था।
अकिलीज हील को लेकर चिंतित रहा चीन
भारत के लद्दाख क्षेत्र से मिलती हुई वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पूर्व में चीन लंबे समय से अपने अकिलीज हील को लेकर चिंतित रहा है। जिसे G219 राजमार्ग कहा जाता है। ये देश की पूरी पश्चिमी और दक्षिणी सीमा के साथ चलता है, जो झिंजियांग और तिब्बत के क्षेत्रों को जोड़ता है। भारत के साथ संघर्ष के दौरान G219 तक युद्धकालीन पहुंच को लेकर चीनी सैन्य रणनीतिकारों की नींद उड़ गई थी। चीनी नेता शी जिनपिंग ने इसके बाद नई रणनीति पर विचार किया और G216 नाम से नया एक वैकल्पिक रोड बनाने का फैसा लिया, जो लगभग पूरा हो गया है।
चीन लगातार बना रहा नए नए हाईवे
न्यूजवीक ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि ऑनलाइन फुटेज में नए हाईवे को शिनजियांग में अक्साई चिन के करीब से गुजरते हुए दिखाया गया है, जिस क्षेत्र को भारत लद्दाख में होने का दावा करता है। झिंजियांग में G216 उत्तर में अल्ताई प्रान्त से शुरू होता है और 532 मील की कुल दूरी के लिए बलुंताई शहर में समाप्त होने से पहले तियानशान पर्वत को पार करता है। हाईवे का ये नया सेक्शन झिंजियांग की राजधानी उरुमकी को तिब्बत के माध्यम से दक्षिण-पश्चिमी युन्नान प्रांत में रुइली से भी जोड़ता है।
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