अगले हफ्ते चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) रूस का दौरा करेंगे। चीन के विदेश मंत्रालय ने हाल ही में उनकी मास्को यात्रा की पुष्टि की है। मास्को में शी की रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात होगी। शी जिनपिंग का दौरा रूस-यूक्रेन संघर्ष के बीच हो रहा है, ऐसे में सभी की निगाहें उन पर हैं।
"क्रेमलिन" का बयान
चीन विदेश मंत्रालय की ओर से 17 मार्च यानी आज बताया गया कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) 20 मार्च से रूस दौरे पर होंगे। वहीं, इस यात्रा पर रूसी सत्ता के केंद्र "क्रेमलिन" का भी बयान आया है। क्रेमलिन के बयान में कहा गया, "शी जिनपिंग 20-22 मार्च तक रूस की राजकीय यात्रा पर रहेंगे। यहां उनकी यात्रा के दौरान रूस और चीन के बीच व्यापक साझेदारी संबंधों और रणनीतिक सहयोग सहित सामयिक मुद्दों पर चर्चा होगी।"
रूस-चीन नजदीकी से अमेरिका को खतरा
चीनी राष्ट्रपति (Xi Jinping) का रूस दौरा ग्लोबल एक्सपर्ट्स के बीच चर्चा का विषय बन गया है। इन दोनों देशों की अमेरिका से अलग-अलग मुद्दों पर खट-पट होती रही है। ये दोनों देश लोकतांत्रिक नहीं हैं और इन पर साम्यवाद हावी है। रूस-यूक्रेन जंग में अमेरिका रूस के विरुद्ध है, वहीं चीन से भी अमेरिका के रिश्ते सामान्य नहीं हैं। ऐसे में रूस और चीन के बीच नजदीकियां बढ़ने से अमेरिका की चिंता और बढ़ेगी।
'ग्लोबल लीडर' बनना चाहता है चीन (Xi Jinping)
चीनी राष्ट्रपति का रूस दौरा रूस यूक्रेन की जंग रुकवाने के नजरिए से भी देखा जा रहा है। हाल ही में चीन ने दो इस्लामिक देशों सउदी अरब और ईरान में जारी बरसों की दुश्मनी खत्म कराकर उनमें सुलह कराई थी। चीन 'शांति-स्थापना' की ये कोशिश करके 'ग्लोबल लीडर' बनना चाहता है।
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