बेशक दुनियाभर के तमाम बड़े देश युद्ध से दूर रहने और शांति की बात करते हों, लेकिन युद्ध को लेकर पूरी तैयारी रखते हैं। युद्ध को लेकर वह कितने गंभीर हैं, इसका अंदाजा एक रिपोर्ट से पता चलता है, जिसमें दुनिया के प्रमुख देशों द्वारा किए गए सैन्य खर्च का ब्यौरा दिया गया है। इस आंकड़े के अनुसार, वैश्विक सैन्य खर्च वित्त वर्ष 22 में 2.1 ट्रिलियन डॉलर के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है और भारत सबसे अधिक खर्च करने वालों की सूची में तीसरे नंबर पर शामिल है।
स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) की रिपोर्ट के अनुसार, 2021 में कुल वैश्विक सैन्य खर्च में वास्तिवक रूप से 0.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इसमें कहा गया है कि, 2021 में 5 सबसे बड़े खर्च करने वाले देशों में अमेरिका, चीन, भारत, यूके और रूस थे। इन सबका कुल खर्च मिलकार 62% था। अगर 2022 की बात की जाए तो भारत का कुल सैन्य खर्च 76.6 बिलियन डॉलर है, जो दुनिया में तीसरे स्थान पर है। यह 2020 से 0.9% और 2012 से 33% अधिक है।
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आंकड़ो की मानें तो अमेरिका और चीन सैन्य पर खर्च करने वाले टॉप+2 देश हैं। 2021 में अमेरिका का सैन्य खर्च 801 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया था, जो 2020 से 1.4% कम है। वहीं 2012 से 2021 की अवधि में अमेरिका ने सैन्य अनुसंधान और विकास के लिए धन में 24% की बढ़ोत्तरी की है और हथियारों की खरीद पर खर्च में 6.4% की कमी की। दूसरे स्थान पर चीन है, जिसने रक्षा पर 293 बिलियन डॉलर खर्च किए, 2020 की तुलना में 4.7% की वृद्धि। वहीं यूके ने पिछले साल पर 68.4% बिलियन डॉलर खर्च किए, जो 2020 से 3% अधिक है। वहीं रूस सबसे अधिक रक्षा खर्च करने के मामले में 5वें नंबर पर है।
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