यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) के अनुसार, वृद्धों के लिए फाइजर आरएसवी का एक नया टीका गुलियन बेरी सिंड्रोम (Guillain-Barre Syndrome) की संभावना को बढ़ा सकता है, जो एक असामान्य न्यूरोलॉजिकल बीमारी है।
नसों पर करता है हमला (Guillain-Barre Syndrome)
गुलियन बेरी सिंड्रोम (Guillain-Barre Syndrome) के बाद अक्सर नसों पर बैक्टीरिया या वायरस का हमला होता है। जीबीएस रोगियों में, प्रतिरक्षा प्रणाली मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी के बाहर स्वस्थ नसों पर हमला करती है, कमजोरी पैदा करती है और, कुछ मामलों में लकवा भी हो जाता है। वर्तमान में कोई अधिकृत RSV टीका नहीं है। दशकों के परीक्षण के बाद, पहला RSV टीका अगस्त तक स्वीकृत होने वाला है।
60 वर्ष के दो बुजुर्गों में GBS हुआ डायग्नोज
फाइजर द्वारा आयोजित आरएसवी के तीसरे चरण के क्लिनिकल परीक्षण में 60 वर्ष से अधिक आयु के दो बुजुर्गों में जीबीएस (Guillain-Barre Syndrome) को डायग्नोज किया गया है। एफडीए ने नए प्रकाशित एजेंसी ब्रीफिंग पेपर्स में कहा है कि यदि शॉट को मंजूरी दी जाती है, तो फाइजर को सुरक्षा अध्ययन करना चाहिए। एफडीए के दस्तावेज के मुताबिक एक की बीमारी तीन महीने के बाद पूरी तरह ठीक हो गई थी । वहीं, दूसरे की हालत छह महीने बाद बेहतर हो गई थी।
सुरक्षा अध्ययन करेगा फाइजर
एफडीए के अनुसार, हर साल सामान्य आबादी में गुलियन बेरी सिंड्रोम (Guillain-Barre Syndrome) के लगभग 3 मामले सामने आते हैं। नतीजतन, फाइजर को अपनी सुरक्षा निगरानी में घटनाओं को एक गंभीर संभावित खतरे के रूप में लेना चाहिए। यदि फाइजर का आरएसवी टीका अधिकृत होता है, तो वह गुलियन बेरी सिंड्रोम पर एक सुरक्षा अध्ययन करेगा।
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