बिहार में वोटर लिस्ट विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) मामले में जहां विपक्षी दल दबाव बनाने की कोशिश में लगा है, वहीं, चुनाव आयोग भी अपने रुख से पीछे हटने को तैयार नहीं है। चुनाव आयोग इस मामले में बहुत ही सावधानी से आगे बढ़ रहा है। आधार और राशन कार्ड को शामिल करने के मामले पर भी चुनाव आयोग का रुख बदलने की संभावना नहीं है। वह इस मामले में सुप्रीम कोर्ट को बताएगा कि आधार और राशन कार्ड नागरिकता के प्रमाण नहीं हैं। इसके लिए वह अदालती फैसलों और सरकारी आदेशों का हवाला देगा।
चुनाव आयोग इस सप्ताह सुप्रीम कोर्ट में दायर कर सकता है हलफनामा
वहीं, चुनाव आयोग इसी सप्ताह सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा भी दायर कर सकता है। सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर 28 जुलाई को सुनवाई करेगा। चुनाव आयोग सुप्रीम कोर्ट को यह भी बताएगा कि बिहार में जनगणना में अभी बहुत अधिक समय नहीं है। यह समय पहले के गहन पुनरीक्षण अभ्यासों के अनुरूप ही है।
सुप्रीम कोर्ट ने आधार, राशन कार्ड- वोटर आईडी पर विचार करने को कहा था
बता दें कि 10 जुलाई को हुई पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने ECI से आधार, राशन कार्ड और वोटर आईडी कार्ड जैसे दस्तावेजों पर विचार करने को कहा था। कोर्ट ने कहा था कि ये दस्तावेज आसानी से उपलब्ध हैं।
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