हाल ही में हुए ऑपरेशन "सिंदूर" के दौरान भारत ने अपनी सैन्य शक्ति और रणनीतिक क्षमता का जबरदस्त प्रदर्शन किया। 6 से 7 मई तक चले इस अभियान में भारत ने पाकिस्तान और PoK में मौजूद आतंकियों के खिलाफ निर्णायक हमला किया। यह ऑपरेशन उस आतंकी हमले के जवाब में किया गया था जिसमें 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 26 निर्दोष नागरिक मारे गए थे।
पाकिस्तान का कबूलनामाः "ब्रह्मोस ने हमें असहाय कर दिया"
पाकिस्तान के वरिष्ठ राजनेता और प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ के सलाहकार राणा सनाउल्लाह ने अब खुद स्वीकार किया है कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत की ओर से दागी गई ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल के सामने पाकिस्तानी सेना असहाय थी। उन्होंने कहा कि उनके पास सिर्फ 30 से 45 सेकंड का समय था यह तय करने के लिए कि मिसाइल में परमाणु हथियार है या नहीं। इतनी कम समय में निर्णय लेना बेहद खतरनाक स्थिति पैदा कर सकता था।
परमाणु युद्ध का खतरा टल गया
राणा सनाउल्लाह ने यह भी माना कि इस तरह की परिस्थिति में गलतफहमी के चलते पाकिस्तान पहला परमाणु हमला कर सकता था, जिससे पूरी दुनिया परमाणु युद्ध की चपेट में आ सकती थी। उन्होंने कहा कि भारत ने मिसाइलों का इस्तेमाल किया लेकिन उनमें परमाणु हथियार नहीं थे। उन्होंने भारत की सराहना करने से इंकार किया लेकिन यह मान लिया कि हालात बेहद गंभीर थे।
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