केंद्र सरकार ने देश की सैन्य ताकत को और मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। रक्षा अधिग्रहण परिषद ने गुरुवार को करीब 1.05 लाख करोड़ रुपये के सैन्य उपकरणों की खरीद को मंजूरी दी है। खास बात यह है कि ये सभी उपकरण देश में ही बनाए जाएंगे, जिससे 'मेक इन इंडिया' अभियान को भी बड़ासमर्थन मिलेगा।
यह बैठक रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई, जिसमें कुल 10 महत्वपूर्ण रक्षा प्रस्तावों को मंजूरी दी गई।
किन हथियारों और उपकरणों की होगी खरीद?
रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक, जिन उपकरणों की खरीद को मंजूरी दी गई है, उनमें शामिल हैं:
- आर्मर्ड रिकवरी व्हीकल्स (ARVs) – युद्ध क्षेत्र में खराब हुए टैंकों को निकालने के लिए
- इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम – दुश्मन की इलेक्ट्रॉनिक गतिविधियों पर नजर रखने और उन्हें बाधित करने के लिए
- इंटीग्रेटेड कॉमन इन्वेंटरी मैनेजमेंट सिस्टम (Tri-Services के लिए) – सेना के तीनों अंगों (थलसेना, नौसेना और वायुसेना) के लिए सामान की सप्लाई और स्टोरेज को बेहतर बनाने के लिए
- सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें – हवाई हमलों से सुरक्षा के लिए
इसके अलावा नौसेना की ताकत को बढ़ाने के लिए भी कई उपकरणों की खरीद को मंजूरी दी गई है‘बाय इंडियन-IDDM’ श्रेणी के तहत होगी खरीद
इन सभी उपकरणों को ‘Buy (Indian–Indigenously Designed, Developed and Manufactured)’ यानी भारत में डिजाइन और निर्माण की गई प्रणाली के तहत खरीदा जाएगा। इससे देश के स्वदेशी रक्षा उद्योग को और मजबूती मिलेगी।
रक्षा उत्पादन में ऐतिहासिक बढ़ोतरी
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बताया कि भारत का रक्षा उत्पादन अब 1.46 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच चुका है, जो 10-11 साल पहले सिर्फ 43,000 करोड़ रुपये था।
Comments (0)