


जैसे ही मानसून की पहली फुहार मध्यप्रदेश की धरती को भिगोती है, यह राज्य हरियाली की चादर ओढ़ लेता है और प्रकृति अपने सबसे सुंदर स्वरूप में दिखाई देती है। बारिश का मौसम यात्रा प्रेमियों के लिए एक नया उत्साह, रोमांच और अनुभव लेकर आता है। यदि आप मानसून में यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो मध्यप्रदेश की सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और प्राकृतिक विविधताओं को देखने के लिए यह समय सबसे उत्तम है।
प्राकृतिक सौंदर्य की भरमार
मानसून में मध्यप्रदेश की वादियाँ, झरने, पहाड़ और वन क्षेत्र जीवन से भर उठते हैं। पचमढ़ी, जिसे "सतपुड़ा की रानी" कहा जाता है, इस मौसम में कोहरे से ढकी घाटियों और झरनों के कारण बेहद मनोहारी लगती है। भीमबेटका की गुफाएं, मंडला, कन्हा नेशनल पार्क, अमरकंटक, तामिया और ओंकारेश्वर जैसे स्थल इस मौसम में किसी चित्रकारी से कम नहीं लगते।
रोमांच का नया अनुभव
मानसून के दौरान सतपुड़ा और विंध्याचल की पर्वतमालाएं ट्रेकिंग प्रेमियों के लिए स्वर्ग बन जाती हैं। झरनों के पास बैठकर गरम चाय की चुस्की लेना और हरियाली से घिरे रास्तों पर ड्राइव करना अपने आप में एक अलग ही अनुभव है। खासकर पातालपानी झरना (इंदौर) और धुआंधार जलप्रपात (भेड़ाघाट, जबलपुर) मानसून में जीवन्त हो उठते हैं।
सावधानियां भी जरूरी
बरसात जितनी आकर्षक लगती है, उतनी ही चुनौतियाँ भी साथ लाती है। फिसलन भरे रास्ते, भूस्खलन, और बाढ़ग्रस्त इलाके यात्रा में बाधा बन सकते हैं। इसलिए यात्रा से पहले मौसम की जानकारी लें, रेनकोट, वाटरप्रूफ बैग, जरूरी दवाइयाँ, टॉर्च और आरामदायक जूते अवश्य रखें।
मालवा और बुंदेलखंड के स्वाद की तलाश
मध्यप्रदेश के हर क्षेत्र का मानसूनी स्वाद भी यात्रा का अहम हिस्सा है। इंदौर का पोहा-जलेबी, भोपाल की चाय और समोसा, ग्वालियर का कचौड़ी, और रीवा का ठेकुआ—इन सबकी गर्माहट बारिश के मौसम में और भी स्वादिष्ट लगती है।