


मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि राज्य सरकार किसानों और पशुपालकों की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने के लिए दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने हेतु प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के 50 प्रतिशत गांवों को दुग्ध नेटवर्क से जोड़ने की रणनीति पर कार्य किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री निवास में पशुपालन एवं डेयरी विकास विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक में डॉ. यादव ने जानकारी दी कि 381 नई दुग्ध सहकारी समितियों का गठन कर 9,500 दुग्ध उत्पादकों को सहकारी डेयरी प्रणाली से जोड़ा गया है।
उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह के निर्देशानुसार, प्रदेश में डेयरी विकास योजना में जरूरी संशोधन कर उसे और अधिक लाभकारी बनाया जा रहा है। अब प्रदेश में 72 प्रतिशत संभावित दुग्ध उत्पादन क्षमता को कवर करने और 15 प्रतिशत बाजार पहुंच बढ़ाने की दिशा में ठोस प्रयास हो रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को दिए निर्देश
दुग्ध संग्रहण में वृद्धि
दुधारू पशुओं की नस्ल सुधार
राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के सहयोग से देशी नस्ल के लिए मॉडल फार्म की स्थापना
सांची ब्रांड की लोकप्रियता बढ़ाने पर जोर
भोपाल दुग्ध संघ के अंतर्गत हीफर रियरिंग सेंटर की स्थापना
दूध की कीमत का समय पर भुगतान
डिजीटाइजेशन कार्य की समीक्षा और गति बढ़ाने के निर्देश
दुग्ध मूल्यों में 2.5 से 6 रुपए तक की वृद्धि
इस बैठक में यह भी बताया गया कि प्रदेश के विभिन्न दुग्ध संघों ने किसानों और उत्पादकों के हित में दूध के मूल्य में 2.5 से 6 रुपए प्रति लीटर तक की वृद्धि की है। जबलपुर और ग्वालियर दुग्ध संघों ने दुग्ध संग्रहण में उल्लेखनीय बढ़ोतरी दर्ज की है। इसके अलावा दोनों संघों को 2-2 करोड़ रुपए की कार्यशील पूंजी भी दी गई है, ताकि लंबित भुगतान समय पर किए जा सकें।