


उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले में एक खास पुरातात्विक खोज हुई है। दातागंज तहसील के सराय पिपरिया गांव में एक तालाब की खुदाई के दौरान लगभग छह फीट नीचे एक पंचमुखी शिवलिंग मिला। यह शिवलिंग संगमरमर का बना हुआ है और खुदाई के वक्त बुलडोजर की मदद से यह ज़मीन से निकला।
खुदाई के दौरान हुई अद्भुत खोज
सराय पिपरिया गांव में तालाब की खुदाई की जा रही थी, जहां 13 एकड़ जमीन पर एक कमल तालाब बनाने का कार्य चल रहा था। इस काम के साथ ही वहां एक प्लांट नर्सरी भी विकसित की जा रही है, जिसे पंच तत्व पौधशाला कहा जाता है। खुदाई के दौरान अचानक इस शिवलिंग का निकलना एक दैवीय संकेत के रूप में देखा जा रहा है।
शिवलिंग के मिलने से गांव में बढ़ी श्रद्धा
पंचमुखी शिवलिंग मिलने की खबर जैसे ही आसपास के गांवों में फैली, लोग दर्शन के लिए वहां पहुंचने लगे। इस कारण क्षेत्र में भारी भीड़ जुट गई। श्रद्धालुओं और गांव वालों के साथ ही बाहर से भी कई लोग शिवलिंग को देखने आने लगे। इस भीड़ को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन को पुलिस और राजस्व कर्मियों को तैनात करना पड़ा। उन्होंने सुरक्षा के साथ-साथ भीड़ प्रबंधन का काम किया ताकि स्थिति काबू में रहे।
पंचमुखी शिवलिंग का धार्मिक महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, शिवलिंग भगवान शिव का प्रतीक होता है। पंचमुखी शिवलिंग विशेष रूप से भगवान शिव के पांच मुखों या पांच रूपों का प्रतिनिधित्व करता है। इसे अत्यंत पवित्र और शक्तिशाली माना जाता है। ऐसे शिवलिंग मिलने पर वहां एक खास प्रकार की श्रद्धा और आस्था का माहौल बन जाता है। यह धार्मिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण होता है और क्षेत्र के लोगों के लिए गर्व की बात होती है।
बदायूं के दातागंज तहसील के सराय पिपरिया गांव में मिलने वाला यह पंचमुखी शिवलिंग न केवल एक पुरातात्विक खोज है, बल्कि धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी इसका बड़ा महत्व है। खुदाई के दौरान इस शिवलिंग का निकलना स्थानीय लोगों के लिए एक आशीर्वाद जैसा माना जा रहा है।