आज के दिन अखंड सौभाग्य का वरदान प्राप्त करने के लिए सुहागिन महिलाएं हरतालिका तीज का व्रत रखती है। सुहागिन महिलाओं के लिए हरतालिका तीज के त्योहार का बहुत महत्व है। इस दिन महिलाएं दिनभर निर्जला व्रत रखती हैं। तीज की शाम के वक्त महिलाएं श्रृंगार करते हुए भगवान शिव, माता पार्वती, भगवान गणेश और कार्तिकेय की पूजा अर्चना करती हैं। हरतालिका तीज व्रत रखने और पूजा करने से सौभाग्य और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।
पूजा का उत्तम मुहूर्त
हरतालिका तीज पर सुहागिन महिलाओं को अखंड सौभाग्यवती और जीवन में सुख-सुविधा और संपन्नता का आशीर्वाद मिलता है। हरतालिका तीज पर प्रदोष काल में पूजा करना सबसे अच्छा माना जाता है। आज शाम को 06 बजकर 33 मिनट से लेकर रात 08 बजकर 51 मिनट तक प्रदोष काल में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करनी चाहिए।
तीज पर बना शुभ योग
भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा-उपासना और अखंड सौभाग्यवाती होने का वरदान पाने के लिए भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को निर्जला व्रत रखा जाता है। आज यानी 30 अगस्त 2022 को हरतालिका तीज पर शुभ योग हस्त नक्षत्र का शुभ संयोग बना हुआ है। शुभ योग 30 अगस्त को दोपहर 01 बजकर 03 मिनट तक रहेगा और पूरे दिन हस्त नक्षत्र रहेगा। ऐसे में शुभ योग और नक्षत्र में हरतालिका पर्व और पूजा-पाठ मनाना बहुत ही उत्तम रहेगा।
आज जरूर करें इन मंत्रों का जाप
देवी मंत्र- ऊँ गौर्ये नम: और गौरी मे प्रीयतां नित्यं अघनाशाय मंगला। सौभाग्यायास्तु ललिता भवानी सर्वसिद्धये।।
शिव मंत्र- ऊँ नम: शिवाय
गणेश जी के मंत्र- श्री गणेशाय नम:
पूजा विधि
- हरतालिका तीज के लिए सबसे पहले भगवान शिव, माता पार्वती,भगवान गणेश, पुत्र कार्तिकेय और नंदी की बालू और काली मिट्टी का इस्तेमाल करके अपने हाथों से मूर्ती बनाएं।
- इसके बाद पूजा का संकल्प लेते हुए पूजा स्थान की साफ सफाई करके वहां चौकी रखें और चौकी को माला फूल और केले के पत्ते से सजावट करते हुए बनाई गई शिव परिवार की प्रतिमा स्थापित करें।
- हरतालिका व्रत का पूजन प्रदोष काल में किया जाता है।
- इसके बाद सभी देवताओं का आवहन करते हुए सबसे पहले भगवान गणेश की आराधना करते हुए भगवान शिव,माता पार्वती और भगवान गणेश व कार्तिकेय का षोडोशओपचार पूजन करें।
- भगवान शिव को चढ़ाने के लिए एकत्रित सभी पूजा सामग्रियों का एक के बाद एक कर उन्हें अर्पित करें फिर माता पार्वती को सुहाग की सभी चीजों को माता पार्वती को चढ़ाएं।
- पूजन के बाद भगवान शिव और माता पार्वती की आरती करें और बाद में सभी महिलाएं मिलकर हरतालिका तीज व्रत की कथा सुने और रात्रि में जागरण करें।
हरतालिका तीज का महत्व
हरतालिका तीज का व्रत कठिन व्रतों में से एक है। इसमें सुबह से बिना कुछ खाए व पिए दिनभर निर्जला व्रत रखा जाता है। माना जाता है कि मां पार्वती ने कठिन तपस्या करके भगवान शिव को पति के रूप में पाया था। तभी से हर साल ये हरतालिका तीज का व्रत सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सौभाग्य के लिए रखती हैं। इसमें व्रती सुहागिन महिलाएं सुहाग की सभी चीजों को मां पार्वती को अर्पित करती हैं।
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