राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी के अध्यक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य की मुश्किलें खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही। उनके खिलाफ जारी गैरजमानती वारंट के मामले में हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ से राहत नहीं मिली। कोर्ट ने स्वामी प्रसाद मौर्य की याचिका को खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि पहली नजर में उनके खिलाफ आरोप हैं, जिन पर ट्रायल कोर्ट में ही विचार हो सकता है।''
लखनऊ की एमपी-एमएलए कोर्ट ने स्वामी प्रसाद मौर्य और उनकी बेटी संघमित्रा मौर्य समेत 5 लोगों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। कोर्ट ने धोखाधड़ी, मारपीट, जान से मारने की धमकी और साजिश करने जैसे गंभीर आरोपों पर कार्रवाई करते हुए गिरफ्तारी का वारंट जारी किया था। संघमित्रा मौर्य पर बिना तलाक लिए धोखे से दीपक स्वर्णकार से शादी का आरोप है। मामले में कोर्ट में हाजिर न होने पर एमपी-एमएलए कोर्ट ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। वादी दीपक के मुताबिक वो और संघमित्रा मौर्य 2016 से लिवइन रिलेशन में रह रहे थे। संघमित्रा और स्वामी प्रसाद ने बताया कि संघमित्रा का पूर्व की शादी में तलाक हो गया है। लिहाज़ा 3 जनवरी 2019 को दीपक ने संघमित्रा के घर पर उनसे शादी कर ली। जबकि 2019 के चुनाव में शपथ पत्र देकर संघमित्रा ने खुद को अविवाहित बताया था
राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी के अध्यक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य की मुश्किलें खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही। उनके खिलाफ जारी गैरजमानती वारंट के मामले में हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ से राहत नहीं मिली।
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