अंबेडकर नगर के संसदीय क्षेत्र बनने से पहले यह अकबरपुर संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आता था. बसपा सुप्रीमो मायावती यहीं से चुनाव जीत कर 3 बार संसद में पहुंची.
इस सीट पर पहली बार चुनाव 2009 में हुआ था.2009 के लोकसभा चुनाव में बसपा के राकेश पांडे ने समाजवादी पार्टी के शंखलाल मांझी को हराया था, वहीं 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के हरिओम पांडे ने बसपा के उम्मीदवार राकेश पांडे को हराया था. जिसके बाद वापसी करते हुए 2019 के लोकसभा चुनाव में बसपा के रितेश पांडे यहां से जीत कर संसद पहुंचे.इस सीट को मायावती की सीट के रूप में भी जाना जाता हैं, जब यह सीट अकबरपुर लोकसभा सीट थी तब मायावती 1989 में पहली बार यहां से संसद पहुंची थी, इसके बाद 1998, 1999 और 2004 के चुनाव में इस सीट से सांसद चुनी गई.
अगर बात 2022 में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजों पर नजर डालें तो, समाजवादी पार्टी ने क्लीन स्वीप करते हुए यहां की सभी पांच विधानसभा सीटों पर अपना परचम लहराया था और भाजपा को यहां केवल निराशा हाथ लगी थी.इससे पहले हुए 2017 के विधानसभा चुनाव में इन 5 में से 3 सीटों पर बहुजन समाज पार्टी और 2 पर बीजेपी का कब्जा है.अकबरपुर, जलालपुर, कटेहरी सीट पर बसपा ने जीत हासिल की थी, तो वहीं बीजेपी ने गोसाईगंज और टांडा सीट पर जीत हासिल की.
अंबेडकर नगर के संसदीय क्षेत्र बनने से पहले यह अकबरपुर संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आता था. बसपा सुप्रीमो मायावती यहीं से चुनाव जीत कर 3 बार संसद में पहुंची
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