माफिया मुख्तार अंसारी की मौत मामले की न्यायिक जांच के आदेश दिए गए हैं। इसके साथ ही एक महीने में जांच की रिपोर्ट को सौंपने के लिए कहा गया है। वहीं, MP-MLA कोर्ट की जज गरिमा सिंह को जांच अधिकारी बनाया बनाया गया है। वहीं, मुख्तार अंसारी के बेटे उमर अंसारी ने बांदा के जिलाधिकारी को पत्र लिखकर मांग की है कि उनके पिता का पोस्टमॉर्टम दिल्ली एम्स के डॉक्टरों से कराया जाए। अपने पत्र में अंसारी ने लिखा है कि उनके परिवार को बांदा की चिकित्सा व्यवस्था पर भरोसा नहीं है।
उमर अंसारी ने जिलाधिकारी से की गई आवेदन में लिखा था कि पत्र के माध्यम से न्यायालय को अवगत कराया गया था कि मेरे पिता को खाने में जहर दिया गया है तथा इस घटना के 40 दिन पहले भी उन्हें खाने में जहर दिया गया था। इस जहर की वजह से ही मेरे पिता की तबीयत बिगड़ गई। पत्र में उन्होंने आरोप लगाया है कि जिला अस्पताल के डॉक्टरों द्वारा उनके पिता का अच्छे से उपचार नहीं किया है औऱ दबाव बनाकर उन्हें कुछ ही घंटो के बाद वापस जेल में भेज दिया गया।
माफिया मुख्तार अंसारी की मौत मामले की न्यायिक जांच के आदेश दिए गए हैं। इसके साथ ही एक महीने में जांच की रिपोर्ट को सौंपने के लिए कहा गया है। वहीं, MP-MLA कोर्ट की जज गरिमा सिंह को जांच अधिकारी बनाया गया है।
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