दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के उत्तर प्रदेश बोर्ड ऑफ मदरसा एजुकेशन एक्ट 2004 को असंवैधानिक बताने वाले फैसले पर रोक लगा दी है। 22 मार्च को हुई सुनवाई में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी बोर्ड ऑफ मदरसा एजुकेशन एक्ट को धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत का उल्लंघन करने वाला बताते हुए रद्द कर दिया था। यह एक्ट 2004 में उत्तर प्रदेश में संचालित मदरसों की शिक्षा प्रणाली बेहतर करने के लिए लाया गया था। एक्ट के तहत मदरसों को राज्य सरकार की ओर से अनुदान भी मिलता था।
यूपी मदरसा एक्ट को असंवैधानिक बताने से 17 लाख छात्र प्रभावित होते। यूपी में 1908 से मदरसे रजिस्टर हुए है। एक्ट पर रोक लगने से 125 साल पुराने करीब 25,000 हजार मदरसे प्रभावित होते। ऐसे में हाईकोर्ट द्वारा एक्ट पर रोक लगाने के बाद, इसके विरोध में सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई गई थी।
22 मार्च को हुई सुनवाई में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने UP बोर्ड ऑफ मदरसा एजुकेशन एक्ट 2004 को धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत का उल्लंघन करने वाला बताते हुए रद्द कर दिया था।
Comments (0)