


इस वर्ष भगवान श्री महाकालेश्वर की सवारी और अधिक भव्य रूप में निकाली जाएगी, क्योंकि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की मंशानुरूप सवारी में पिछले वर्ष की तरह ही नए नए प्रयोग किए जा रहे हैं। प्रथम सवारी वैदिक उद्घोष थीम पर निकाली जाएगी। द्वितीय सवारी में लोक नृत्य की प्रस्तुतियां दी जाएंगी। भगवान महाकालेश्वर की तीसरी सवारी में पुलिस बैंड, आर्मी बैंड, होमगार्ड बैंड और निजी बैंड के द्वारा आकर्षक प्रस्तुति दी जाएगी। इसके पश्चात भगवान महाकालेश्वर की चतुर्थ सवारी में पर्यटन की थीम पर मांडू के महल, सांची के स्तूप, खजुराहो, देवी अहिल्या किला महेश्वर, भीमबेटका, ग्वालियर का किला, उदयगिरि की गुफाएं, विदिशा बाग की गुफाएं, धार की झांकियां निकाली जाएंगी। श्री महाकालेश्वर की पंचम सवारी में धार्मिक थीम रहेगी, जिसमें श्री कृष्ण पाथेय और प्रदेश के धार्मिक पर्यटन स्थलों व मंदिरों की झांकी निकाली जाएंगी। साथ ही सवारियों में विभिन्न जिलों के पृथक-पृथक जनजातीय नृत्यों की प्रस्तुति भी दी जाएगी। इसके पश्चात राजसी सवारी में 70 से अधिक भजन मंडलियों के द्वारा प्रस्तुति दी जाएगी।
इस थीम पर निकलेगी सवारी
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश अनुसार प्रत्येक सवारी की थीम अलग-अलग होगी। प्रथम सवारी वैदिक उद्घोष थीम पर निकाली जाएगी। इस दौरान रामघाट और दत्त अखाड़ा पर बटुकों द्वारा भव्य वैदिक उद्घोष किया जाएगा और बैटुकों द्वारा सवारी मार्ग में वैदिक उद्घोष किया जायेगा। इसी के साथ विभिन्न जनजातियां समुहों द्वारा भगवान श्री महाकाल की सवारी में मनमोहक प्रस्तुती दी जायेगी। द्वितीय सवारी में लोक नृत्य की प्रस्तुतियां दी जाएंगी। इसमें लोक नृत्य मटकी नृत्य मध्य प्रदेश, गणगौर नृत्य राजस्थान, बिहू नृत्य आसाम, भवाई नृत्य गुजरात, पुलियाट्म या टाइगर नृत्य कर्नाटक की प्रस्तुति रामघाट पर दी जाएगी। भगवान महाकालेश्वर की तीसरी सवारी में पुलिस बैंड, आर्मी बैंड, होमगार्ड बैंड और निजी बैंड के द्वारा आकर्षक प्रस्तुति दी जाएगी। इसके पश्चात भगवान महाकालेश्वर की चतुर्थ सवारी में पर्यटन की थीम पर मांडू के महल, सांची के स्तूप, खजुराहो, देवी अहिल्या किला महेश्वर, भीमबेटका, ग्वालियर का किला, उदयगिरि की गुफाएं ,विदिशा बाग की गुफाएं, धार की झांकियां निकाली जाएंगी। भगवान श्री महाकालेश्वर की पंचम सवारी में धार्मिक थीम रहेगी। जिसमें श्री कृष्ण पाथेय और प्रदेश के धार्मिक पर्यटन स्थलों और मंदिरों की झांकी निकाली जाएंगी। साथ ही सवारियों में विभिन्न जिलों के पृथक-पृथक जनजातीय नृत्यों की प्रस्तुति भी दी जाएगी। इसके पश्चात राजसी सवारी में 70 से अधिक भजन मंडलियों के द्वारा प्रस्तुति दी जाएगी।