


भारतीय टेस्ट क्रिकेट के 'दीवार' माने जाने वाले चेतेश्वर पुजारा ने आज यानी 24 अगस्त को क्रिकेट के सभी फॉर्मेट्स से संन्यास लेने की घोषणा कर दी। 37 वर्षीय पुजारा ने अपने संन्यास के बाद आजतक से खास बातचीत में कहा कि उन्हें कोई पछतावा नहीं, बल्कि यह उनके लिए गर्व का पल है क्योंकि उनका सपना – भारत के लिए खेलने का – पूरा हुआ। भारतीय टेस्ट क्रिकेट के 'दीवार' माने जाने वाले चेतेश्वर पुजारा ने कहा - इसके बारे में ज्यादा सोचा नहीं था, लेकिन पिछले एक हफ्ते से विचार कर रहा था। लगा कि अब सही समय है। जब आज फैसला लिया तो मेरे और मेरे परिवार के लिए ये बेहद प्राउड मोमेंट रहा।
टीममेट्स और कोच को कहा धन्यवाद
भारतीय टेस्ट क्रिकेट के 'दीवार' माने जाने वाले चेतेश्वर पुजारा ने कहा - टीममेट्स, कोचों, सपोर्ट स्टाफ और सभी फैन्स को धन्यवाद देना चाहता हूं। भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व करना मेरे जीवन का सबसे बड़ा गौरव रहा है। बचपन में जब छोटा था, तो सपना देखा था कि टीम इंडिया के लिए खेलूं – और वो सपना पूरा हुआ।
ROKO (रोहित-कोहली) के साथ यादगार पल
भारतीय टेस्ट क्रिकेट के 'दीवार' माने जाने वाले चेतेश्वर पुजारा ने रोहित शर्मा और विराट कोहली के साथ बिताए गए पल भी याद किए। उन्होंने कहा - हमने साथ में कई यादगार मुकाबले खेले हैं, मुश्किल दौर से निकले हैं और जीत की खुशी भी साथ में मनाई है। इन दोनों के साथ ड्रेसिंग रूम शेयर करना मेरे करियर की बड़ी उपलब्धि रही है।"
पुजारा – भारतीय टेस्ट क्रिकेट की रीढ़
- टेस्ट डेब्यू: 2010 बनाम ऑस्ट्रेलिया
- कुल टेस्ट मैच: 103
- रन: 7,200+
- शतक: 19
- सबसे प्रसिद्ध पारी: 2020-21 ब्रिसबेन टेस्ट सीरीज, जहां उन्होंने बॉडी पर कई चोटें खाईं लेकिन डटे रहे और भारत को ऐतिहासिक जीत दिलाई।
पुजारा की विरासत
चेतेश्वर पुजारा का नाम धैर्य, अनुशासन और क्लासिकल टेस्ट बल्लेबाज़ी का पर्याय बन गया। उन्होंने क्रिकेट की उस शैली को जीवित रखा जब T20 और तेज़ फॉर्मेट्स का बोलबाला था।