


टीम इंडिया के कप्तान और 'हिटमैन' के नाम से मशहूर रोहित शर्मा ने हाल ही में एक कार्यक्रम के दौरान चेतेश्वर पुजारा से जुड़ा एक दिलचस्प किस्सा साझा किया, जिसने सभी को हंसा-हंसा कर लोटपोट कर दिया।
यह किस्सा पुजारा के रिटायरमेंट के एक दिन बाद सुनाया गया, और इससे न केवल पुजारा की धैर्यपूर्ण बल्लेबाजी की झलक मिलती है, बल्कि युवावस्था में खिलाड़ियों की मेहनत और हल्की-फुल्की परेशानियों का अंदाज़ भी।
रोहित शर्मा बोले - मैं 14 साल का था। ग्राउंड पर खेलने जाता था और जब शाम को घर लौटता, तो मेरे चेहरे का रंग ही बदल जाता। मम्मी पूछती थी – जब जाता है तो कुछ और दिखता है, जब आता है तो कोई और बन जाता है। मैंने कहा – मम्मी, क्या करूं? एक बैट्समैन है, चेतेश्वर पुजारा, तीन दिन से बैटिंग कर रहा है और हम तीन दिन से फील्डिंग ही कर रहे हैं!
पुजारा की 'दीवार' जैसी बल्लेबाज़ी
चेतेश्वर पुजारा को भारतीय क्रिकेट में 'दीवार' कहा जाता है — टेस्ट क्रिकेट में उनकी लंबी और धैर्यपूर्ण पारियों के लिए। रोहित शर्मा के इस मज़ाकिया किस्से से यह साफ होता है कि पुजारा की जिद और टिके रहने की क्षमता केवल अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट तक सीमित नहीं थी, बल्कि उनके जूनियर दिनों में भी उतनी ही मजबूत थी।
पुजारा ने हाल ही में लिया संन्यास
हाल ही में चेतेश्वर पुजारा ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से रिटायरमेंट की घोषणा की, जिसके बाद से क्रिकेट जगत में उन्हें लेकर ढेरों भावनात्मक और प्रेरणादायक संदेश सामने आ रहे हैं। रोहित का यह किस्सा उन सभी में से सबसे हल्का-फुल्का और मनोरंजक था।