


काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर में अब श्रद्धालु किसी भी प्रकार का प्लास्टिक लेकर प्रवेश नहीं कर सकेंगे। मंदिर न्यास द्वारा लिया गया यह निर्णय 10 अगस्त 2025 से प्रभाव में आएगा। फल, फूल और पूजन सामग्री की पैकिंग में प्रयुक्त प्लास्टिक भी इस प्रतिबंध के तहत आएगी।
मंदिर ट्रस्ट ने यह फैसला दिसंबर 2024 में लिया था, जिसे अब लागू किया जा रहा है। मंदिर प्रशासन का कहना है कि यह कदम धार्मिक स्थल की पवित्रता और स्वच्छता बनाए रखने के उद्देश्य से उठाया गया है।
श्रावण माह में भीड़ बढ़ने के मद्देनज़र, मंदिर प्रशासन एक विशेष जनजागरूकता अभियान शुरू करेगा। इसके तहत श्रद्धालुओं को वैकल्पिक सामग्री जैसे कपड़े की थैलियों या बायोडिग्रेडेबल पैकेजिंग के उपयोग के लिए प्रेरित किया जाएगा।
काशी विश्वनाथ मंदिर देश के सबसे प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक है, जहां हर साल लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं। बढ़ते प्लास्टिक कचरे को देखते हुए यह फैसला पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है।
मंदिर प्रशासन ने श्रद्धालुओं, दुकानदारों और स्थानीय नागरिकों से अपील की है कि वे इस निर्णय में सहयोग करें और काशी धाम को स्वच्छ एवं प्लास्टिक मुक्त बनाने में भागीदार बनें।