


नवाबी परिवार की संपत्ति को लेकर अभिनेता सैफ अली खान को बड़ा झटका लगा है। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने निचली अदालत के उस फैसले को रद्द कर दिया है जिसमें सैफ अली खान और उनके परिवार को संपत्ति का वारिस माना गया था। इसके साथ ही केंद्र सरकार ने उनकी करीब ₹15,000 करोड़ की पारिवारिक संपत्ति को 'दुश्मन की संपत्ति' घोषित कर दिया है, क्योंकि एक वारिस विभाजन के समय पाकिस्तान चला गया था।
ट्रायल कोर्ट को दोबारा सुनवाई शुरु करने का आदेश
हाई कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट को दोबारा सुनवाई शुरू करने का आदेश दिया है। भोपाल के शाही परिवार की संपत्ति को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा है। इस विवाद में मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। हाई कोर्ट ने निचली अदालत के उस फैसले को रद्द कर दिया है जिसमें अभिनेता सैफ अली खान, उनकी बहनें सोहा अली खान और सबा अली खान, और उनकी मां शर्मिला टैगोर को भोपाल की संपत्तियों का वारिस माना गया था।
सैफ अली खान की मुश्किलें बढ़ीं
सैफ अली खान के लिए मुश्किलें यहीं खत्म नहीं होतीं। केंद्र सरकार ने उनकी करीब ₹15,000 करोड़ की पारिवारिक संपत्ति को 'दुश्मन की संपत्ति' घोषित कर दिया है। ये फैसला शत्रु संपत्ति अधिनियम के तहत किया गया है, जिसके अनुसार अगर कोई व्यक्ति विभाजन के समय पाकिस्तान चला गया, तो भारत में उसकी संपत्तियां सरकार के अधीन हो जाती हैं। इन संपत्तियों में शामिल हैं: सैफ का बचपन का घर फ्लैग स्टाफ हाउस, भव्य नूर-अस-सबाह पैलेस, दार-अस-सलम, हबीबी का बंगला, अहमदाबाद पैलेस और कोहेफिजा की प्रॉपर्टी।
नवाब हमीदुल्लाह खान की फैमिली ट्री
नवाब हमीदुल्लाह खान की तीन बेटियां थीं। एक बेटी, आबिदा सुल्तान, पाकिस्तान चली गई थीं। बाकी दो भारत में ही रहीं। सैफ की दादी, साजिदा सुल्तान, उन्हीं में से एक थीं, जो भारत में रहीं। अब सरकार यह कह रही है कि क्योंकि एक वारिस पाकिस्तान चला गया था, इसलिए ये संपत्ति दुश्मन की संपत्ति बन जाती है।