भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण घोषणा की, जिसमें उन्होंने देश की आर्थिक स्थिति और भविष्य की योजनाओं पर प्रकाश डाला। गवर्नर ने बताया कि वर्तमान में महंगाई दर आरबीआई के लक्ष्य से नीचे बनी हुई है, जिसका मुख्य कारण खाद्य उत्पादों की कीमतों में आई कमी है।
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण घोषणा की, जिसमें उन्होंने देश की आर्थिक स्थिति और भविष्य की योजनाओं पर प्रकाश डाला। गवर्नर ने बताया कि वर्तमान में महंगाई दर आरबीआई के लक्ष्य से नीचे बनी हुई है, जिसका मुख्य कारण खाद्य उत्पादों की कीमतों में आई कमी है। उन्होंने अनुमान जताया कि अगले साल महंगाई दर आरबीआई के निर्धारित लक्ष्य, यानी चार प्रतिशत के आसपास रह सकती है। यह खबर आम जनता के लिए राहत भरी है, क्योंकि खाने-पीने की चीजों की कीमतों में कमी से उनकी जेब पर बोझ कम होगा।
गवर्नर ने यह भी बताया कि देश में आर्थिक गतिविधियों में सकारात्मक बदलाव देखने को मिल रहे हैं। निवेश गतिविधियों में तेजी बनी हुई है, और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में भी उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। इसके साथ ही, शहरी क्षेत्रों में खपत में बढ़ोतरी देखी जा रही है, जो अर्थव्यवस्था के लिए एक अच्छा संकेत है। इन सभी कारकों से यह स्पष्ट होता है कि देश की अर्थव्यवस्था सही दिशा में आगे बढ़ रही है।
गोल्ड लोन के लिए नए नियम
आरबीआई गवर्नर ने गोल्ड लोन से संबंधित एक बड़ी घोषणा भी की। उन्होंने कहा कि सोने के गहनों को गिरवी रखकर मिलने वाले गोल्ड लोन के लिए मौजूदा चिंताओं को देखते हुए नए और व्यापक नियम लागू किए जाएंगे। इस संबंध में ड्राफ्ट गाइडलाइंस तैयार की गई हैं, जिन्हें जल्द ही पब्लिक कमेंट के लिए जारी किया जाएगा। इन दिशा-निर्देशों का उद्देश्य गोल्ड लोन प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और सुरक्षित बनाना है। गोल्ड लोन देने वाली विनियमित संस्थाओं को उपभोग और आय-उत्पादन दोनों उद्देश्यों के लिए सोने के आभूषणों और गहनों के बदले लोन देने की प्रक्रिया की समीक्षा करनी होगी।
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