मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में शुक्रवार को मंत्रालय (महानदी भवन) में आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में 12 अहम निर्णय लिए गए, जिनका राज्य के विकास, युवाओं, किसानों और वंचित वर्गों पर दूरगामी असर पड़ेगा। इनमें जीएसटी और भू-राजस्व संशोधन विधेयकों से लेकर स्टार्टअप नीति और आदिवासी विकास तक कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव शामिल हैं।
छत्तीसगढ़ जीएसटी (संशोधन) विधेयक 2025
अंतर्राज्यीय लेनदेन में इनपुट सेवा वितरक से जुड़े नियम और प्रभावी होंगे। यह संशोधन केंद्र के वित्त अधिनियम 2025 के अनुरूप होगा।
छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संहिता संशोधन विधेयक 2025
अवैध प्लाटिंग पर नियंत्रण, जियो-रेफरेंस मैप के जरिए विवादों में कमी, नामांतरण प्रक्रिया सरल करने और शहरी योजनाओं को गति देने के उद्देश्य से यह संशोधन प्रस्तावित है।
राज्य पुलिस सेवा संवर्ग में 30 नए पदों की स्वीकृति
वर्ष 2005 से 2009 बैच के अधिकारियों को वरिष्ठ प्रवर श्रेणी वेतनमान देने के लिए 30 सांख्येतर पदों का निर्माण किया गया।
जनजातीय समूह, महिलाएं और तृतीय लिंग के लोग व्यावसायिक शिक्षा, कौशल विकास और ग्रामीण उद्यमिता के माध्यम से सशक्त किए जाएंगे। इसके लिए सरकारी भवनों को PanIIT को हस्तांतरित किया जाएगा।
पुराने वाहनों से जुड़ी दुर्घटनाएं और प्रदूषण रोकने के लिए संशोधन किया गया। अब वाहन मालिक अपने पुराने फैंसी नंबर को नए या अन्य राज्यों से लाए गए वाहनों में उपयोग कर सकेंगे। शासकीय वाहनों को शुल्क से छूट दी गई है।
छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक 2025
निजी विश्वविद्यालयों की स्थापना और संचालन से जुड़े नियमों में संशोधन का प्रस्ताव मंजूर किया गया।
छात्र स्टार्टअप और नवाचार नीति
छात्र केंद्रित नवाचार प्रणाली, बौद्धिक संपदा जागरूकता और जनजातीय क्षेत्रों में नवाचार केंद्र स्थापित करने की दिशा में नई नीति लागू की गई। इसका लक्ष्य 50 हजार छात्रों तक पहुंच बनाना और 150 स्टार्टअप्स को इन्क्यूबेट करना है।
छत्तीसगढ़ कृषि उपज मंडी (संशोधन) विधेयक 2025
किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए कृषि मंडियों से जुड़े सुधार प्रस्तावित किए गए हैं।
रायपुर, दुर्ग-भिलाई और नया रायपुर को मिलाकर राजधानी क्षेत्र विकसित किया जाएगा। 2031 तक 50 लाख की आबादी के लिए योजनाबद्ध विकास और पर्यावरण संरक्षण सुनिश्चित किया जाएगा।
छोटे व मध्यम व्यापारियों को राहत और कर संबंधी लंबित मामलों के शीघ्र निपटारे के लिए यह संशोधन प्रस्तावित किया गया है।
कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय अधिनियम में संशोधन
विश्वविद्यालय से जुड़ी कार्यप्रणाली को अधिक व्यावहारिक और प्रभावी बनाने के उद्देश्य से संशोधन का प्रस्ताव तैयार किया गया है।
अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति उपयोजनाओं के अप्रयुक्त फंड को समन्वित कर livelihood और सामाजिक-आर्थिक बदलाव के लिए प्रयुक्त किया जाएगा।
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