मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने रविवार को दुबई में अरब संसद के अध्यक्ष मोहम्मद अल यामाहि से सौजन्य भेंट की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने मध्यप्रदेश की उद्योग-अनुकूल, सरल और सुगम नीतियों की जानकारी दी, साथ ही निवेश को बढ़ावा देने वाले प्रमुख क्षेत्रों की विस्तारपूर्वक जानकारी साझा की। मुख्यमंत्री ने श्री अल यामाहि को मध्यप्रदेश में प्रस्तावित एनर्जी समिट में भाग लेने के लिए आमंत्रित भी किया।
मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने संयुक्त अरब अमीरात के साथ प्रगाढ़ होते रणनीतिक संबंधों की पृष्ठभूमि में मध्यप्रदेश की सक्रिय भूमिका को रेखांकित किया और ऊर्जा, खनिज, लॉजिस्टिक्स, खाद्य प्रसंस्करण और हरित निवेश जैसे क्षेत्रों में सहयोग की इच्छाशक्ति प्रकट की। उन्होंने आशा जताई कि मध्यप्रदेश भारत-UAE साझेदारी में एक महत्वपूर्ण भागीदार बनेगा।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मोहम्मद अल यामाहि को अरब संसद का अध्यक्ष बनने पर बधाई दी और कहा कि 22 खाड़ी देशों की लोकतांत्रिक संस्था का नेतृत्व करना एक बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने विश्वास जताया कि श्री यामाहि के नेतृत्व में यह संस्था नए आयाम स्थापित करेगी।
मध्यप्रदेश के साथ दीर्घकालिक संबंधों में रुचि जताई
अरब संसद अध्यक्ष मोहम्मद अल यामाहि और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की यह भेंट सौहार्द्रपूर्ण रही। यामाहि ने भारत, विशेष रूप से मध्यप्रदेश के साथ दीर्घकालिक रणनीतिक और व्यापारिक संबंधों में गहरी रुचि जताई और कहा कि वे निवेश के लिए हरसंभव सहयोग करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि अरब के 22 देशों में मध्यप्रदेश की सहायता हेतु प्रयास किए जाएंगे और व्यापार एवं उद्योग के क्षेत्र में मजबूत साझेदारी को बढ़ावा दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री को दिया “उम्म-ए-अली” का आत्मीय संबोधन
इस भेंट के दौरान यामाहि ने मुख्यमंत्री को आत्मीयता के साथ “उम्म-ए-अली” कहकर संबोधित किया, जिससे डॉ. मोहन यादव भावविभोर हो गए। उन्होंने मुख्यमंत्री और उनके परिवार को अपने घर व्यक्तिगत रूप से आमंत्रित किया और दोनों देशों के लोगों, उत्पादों और संस्कृतियों को जोड़ने के लिए सहयोग पर सहमति जताई।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने यामाहि को बताया कि मध्यप्रदेश “भारत का हृदय” कहलाता है, जिसकी जनसंख्या 8 करोड़ से अधिक है। राज्य के समृद्ध वन क्षेत्रों में विविध वन्यजीवों का संरक्षण होता है। मध्यप्रदेश "विश्व की टाइगर राजधानी" के रूप में प्रसिद्ध है, और यह भारत और एशिया का एकमात्र स्थान है जहां चीता पुनर्वासित किए गए हैं।
उद्योग, ऊर्जा और कृषि में व्यापक अवसर
मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश को 'मोस्ट वेलकमिंग स्टेट' के रूप में पहचाना जाता है। राज्य में खजुराहो, सांची और भीमबेटका जैसे तीन यूनेस्को विश्व विरासत स्थल हैं। प्रदेश का भौगोलिक स्थान इसे व्यापार और निवेश के लिए आदर्श बनाता है। कृषि के क्षेत्र में मध्यप्रदेश दाल, सोयाबीन और गेहूं के उत्पादन में अग्रणी है।
खनिज और हरित ऊर्जा में सहयोग की अपार संभावनाएं
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने संयुक्त अरब अमीरात द्वारा हरित ऊर्जा व विज्ञान-प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में किए गए नवाचारों की सराहना की और इन क्षेत्रों में संयुक्त परियोजनाओं में सहयोग की इच्छा जताई। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश में सौर, पवन और जल ऊर्जा में अपार संभावनाएं हैं और यहां पर खनिज संसाधनों का विशाल भंडार है जो उद्योगों के लिए एक मजबूत आधार है।
हस्तशिल्प, पर्यटन और फार्मा क्षेत्रों में निवेश के अवसर
मुख्यमंत्री ने मध्यप्रदेश की समृद्ध हस्तशिल्प परंपरा, औद्योगिक पार्कों, फार्मास्यूटिकल्स, लॉजिस्टिक्स और पर्यटन क्षेत्रों में निवेश के लिए उपलब्ध उत्कृष्ट अवसरों की जानकारी भी दी। उन्होंने कहा कि राज्य वैश्विक निवेशकों और भागीदारों के साथ हरसंभव सहयोग को तैयार है।
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