मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने घोषणा की है कि उज्जैन के विक्रम विश्वविद्यालय का नामकरण सम्राट विक्रमादित्य विश्वविद्यालय के नाम से किया जाएगा। उन्होंने बताया कि उज्जैन का इतिहास अत्यंत गौरवशाली रहा है और यह आदिकालीन नगरी है। इसके पुराने वैभव को पुनर्स्थापित करने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। उज्जैन में देश के प्रमुख उद्योगपतियों द्वारा नए उद्योग स्थापित किए जाएंगे और शहर की कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए नए मार्ग बनाए जाएंगे।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शुक्रवार को देवास रोड स्थित क्षिप्रा विहार वाणिज्यिक परिसर में यूडीए, उच्च शिक्षा विभाग और महर्षि पाणिनी संस्कृत विश्वविद्यालय के अंतर्गत 360 करोड़ रुपए से अधिक के विभिन्न विकास कार्यों का भूमिपूजन एवं लोकार्पण किया। इस अवसर पर उन्होंने उपस्थित लोगों को संबोधित किया।
उन्होंने कहा कि उज्जैन में संत जनों की उपस्थिति में ये विकास कार्य भूमि पूजन एवं लोकार्पण किए गए, जिससे शहर की चमक दिन-ब-दिन बढ़ रही है। उन्होंने बताया कि उच्च शिक्षा विभाग के तहत भी विभिन्न विकास कार्य जारी हैं।
मुख्यमंत्री ने बताया कि इंदौर, उज्जैन, धार, देवास और शाजापुर को मिलाकर मेट्रोपोलिटन नगरी के रूप में विकसित किया जाएगा। युवाओं को रोजगार देने के लिए शासन निरंतर प्रयास कर रहा है और आने वाले समय में एक लाख से अधिक पदों पर नियुक्तियां होंगी। विभिन्न विभागों के रिक्त पदों को एक समान परीक्षा के माध्यम से भरा जाएगा।
उन्होंने बताया कि मंगलनाथ, भूखी माता, गढ़कालिका और हरसिद्धि माता मंदिरों को और भव्य रूप दिया जाएगा। इंदौर से उज्जैन तक मेट्रो लाइन डाली जाएगी और फ्रीगंज ब्रिज के समानांतर एक नया ब्रिज भी बनाया जाएगा। उज्जैन की खगोल कालगणना और विज्ञान की परंपरा को पुनः स्थापित करने के प्रयास किए जाएंगे।
बहुउदेशीय वाणिज्यिक कॉम्प्लेक्स ‘प्रतिकल्पा’ का लोकार्पण
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने नानाखेड़ा स्थित यूडीए द्वारा निर्मित शहर के पहले 7 मंजिला बहुउदेशीय वाणिज्यिक कॉम्प्लेक्स ‘प्रतिकल्पा’ का फीता काटकर लोकार्पण किया।
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