


प्रदेशभर में लगातार हो रही बारिश के कारण सब्जियों के दामों में भारी बढ़ोतरी देखी जा रही है। पिछले 15 दिनों में सब्जियों की कीमतें तिगुनी हो गई हैं, जिससे आम उपभोक्ताओं के लिए सब्जियां खरीदना मुश्किल हो गया है। सोमवार को राजधानी की थोक फल-सब्जी मंडी में भी सब्जियों के दाम में बढ़ोतरी दर्ज की गई।
व्यापारियों का कहना है कि बारिश के कारण फसलें खराब हुई हैं और लोकल सब्जियों की आवक घट गई है, जिससे कीमतों में उछाल आया है। भारी बारिश के कारण परिवहन व्यवस्था भी ठप हो गई है, जिससे ढुलाई की लागत बढ़ गई है और इसका असर बाजारों में बिकने वाली सब्जियों की कीमतों पर पड़ा है।
सब्जी दामों में भारी उछाल
मंडियों में सब्जियों की आपूर्ति घटने के कारण चिल्हर बाजार में कई सब्जियां दोगुनी या तिगुनी कीमत पर बिक रही हैं। उदाहरण के लिए, जो टमाटर 10 से 30 रुपए प्रति किलो बिक रहा था, अब वह 50 से 60 रुपए किलो तक पहुंच गया है। इसी तरह, कद्दू, लौकी, फूल गोभी, भिंडी, और करेला जैसी अन्य सब्जियों के दाम भी बढ़ गए हैं।
सब्जियों की कीमतों में वृद्धि
15 दिन पहले और अब की तुलना में सब्जियों के दामों में जो बदलाव आए हैं, वह इस प्रकार हैं:
सब्जी15 दिन पहले (रुपए प्रति किलो)अब (रुपे प्रति किलो) | ||
परवल | 10 | 30 |
कुंदरू | 10 | 30 |
फूल गोभी | 30 | 60 |
भिंडी | 20 | 50 |
लौकी | 5 | 15 |
टमाटर | 10 | 30 |
करेला | 30 | 55 |
बैगन | 15 | 30 |
कट्टू | 5 | 15 |
किसानों की स्थिति भी बिगड़ी
राजधानी और आस-पास के जिलों के किसानों ने अपनी खेतों में सब्जियों की बजाय धान की फसल ली है। जो किसान सब्जी उगा रहे थे, वे बारिश के कारण परेशान हैं। भारी बारिश के कारण उनकी फसलें खराब हो रही हैं और मंडियों में सब्जियों की आपूर्ति कम हो गई है।
ट्रांसपोर्ट की समस्या
व्यापारियों का कहना है कि भारी बारिश के कारण ट्रकों का कई स्थानों पर फंसा होना भी सब्जियों की कीमतों में वृद्धि का कारण बन रहा है। परिवहन व्यवस्था ठीक से काम नहीं कर पा रही है, जिससे सब्जियों की ढुलाई की लागत बढ़ रही है।
उपभोक्ताओं पर असर
आम उपभोक्ताओं को अब सब्जियां खरीदने में अधिक खर्च करना पड़ रहा है। सब्जियों की बढ़ी हुई कीमतों से न केवल उनकी रसोई का जायका बिगड़ रहा है, बल्कि उनके बजट पर भी दबाव बढ़ गया है।