मार्गशीर्ष माह का प्रदोष व्रत 13 दिसंबर 2024 को रखा जाएगा। यह दिन भोलेनाथ और माता पार्वती को समर्पित है। हर महीने के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत करने का विधान है। जिस दिन त्रयोदशी तिथि प्रदोष काल के समय व्याप्त होती है उसी दिन प्रदोष का व्रत किया जाता है। प्रदोष काल सूर्यास्त से प्रारंभ हो जाता है। जब त्रयोदशी तिथि और प्रदोष साथ-साथ होते हैं वह समय शिव दी की पूजा के लिए सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। बता दें कि प्रदोष व्रत सप्ताह के दिन पड़ता है उसका नाम भी उसी हिसाब से होता है। इस बार का प्रदोष व्रत शुक्रवार के दिन रखा जाएगा, इसलिए यह शुक्र प्रदोष व्रत होगा।
प्रदोष व्रत के दिन इन बातों का रखें ध्यान
प्रदोष व्रत के दिन प्रात:काल उठकर स्नान आदि कर साफ कपड़े पहन लें।
इसके बाद शिवलिंग पर जल और बेलपत्र अर्पित करें।
भोलनाथ को धूप-दीप दिखाएं और फिर शिव चालीसा और शिव मंत्रों का जाप करें।
प्रदोष काल में कुछ भी खाना-पीना नहीं चाहिए।
प्रदोष काल के बाद ही भोजन ग्रहण करें।
प्रदोष व्रत के दिन किसी के लिए भी नकारात्मक विचार न लाएं और न ही किसी को अपशब्द कहें।
प्रदोष व्रत के दिन शिव मंदिर जाकर माता पार्वती और महादेव के दर्शन जरूर करें।
प्रदोष व्रत के दिन गरीब और जरूरतमंदों को क्षमतानुसार, अन्न, धन और वस्त्र का दान करें।
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