Tech: जहां एक ओर बड़ी टेक कंपनियों में कर्मचारियों की छंटनीयों (Companies Lay Off) का दौर चल रहा है। वहीं दूसरी तरफ टीसीएस (Tata Consultancy Services) कर्मचारियों का बड़ा सहारा बनने के लिए तैयार है। बता दें कि कंपनी की ओर से कर्मचारियों की छंटनी को लेकर साफ मत रखा गया है।
ले-ऑफ के फेवर में नही टीसीएस
कंपनी के टॉप ऑफिशियल का कहना है कि कंपनी ले- ऑफ के फेवर में नहीं है, क्योंकि टीसीएस कर्मचारियों के टैलेंट को एक लंबी अवधि के करियर के लिए निखारने पर विश्वास रखती है। यही नहीं, कंपनी की ओर से कहा गया है कि वे कर्मचारी जो एक बड़ी टेक कंपनी का हिस्सा थे और वर्तमान में अपनी नौकरी खो चुके हैं, उन्हें भी जॉब का अवसर दिया जाएगा।
कंपनी का उद्देश्य टैलेंट को निखारना
कंपनी के चीफ (Companies Lay Off) ह्यूमन रिसॉर्सेस ऑफिसर मिलिंद लक्कड़ ने समाचार एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए कई बातें साफ कीं। कर्मचारियों की छंटनी पर मिलिंद लक्कड़ ने कहा कि कंपनी कर्मचारी द्वारा जॉब जॉइन करने के बाद उसे अपनी जिम्मेदारी समझती है। कंपनी का उद्देश्य कर्मचारियों की छंटनी के बजाय उनके टैलेंट को निखारना है।
अनाउंस की सैलरी हाइक
टीसीएस (Companies Lay Off)का कहना है कि वे, कर्मचारी की किसी कमी पर उन्हें ट्रेनिंग देने पर विश्वास रखती है। मिलिंद लक्कड़ ने कहा कि 6 लाख से अधिक लोगों को रोजगार देने वाली कंपनी टीसीएस बीते सालों की तरह ही इस साल भी कर्मचारियों के लिए सैलरी हाइक अनाउंस करेगी।
भारतीयों को दिया जाएगा मौका
मिलिंद लक्कड़ ने समाचार एजेंसी से बात करते हुए कहा है कि, वर्तमान में कंपनी के साथ 70 फीसदी यूएस कर्मचारियों में अमेरिकन शामिल हैं। हालांकि, भविष्य में यह केवल 50 फीसदी रह जाएगा। इसकी जगह कंपनी भारत में जॉब के अवसर लाना चाहती है।
कंपनी ने कही ये बात
कंपनी की ओर से कहा गया है कि टीसीएस यूएस में भारतीयों को जॉब देने के लिए भी आगे आएगी। यह जॉब ऑफर ऐसे भारतीयों के लिए होंगे, जो यूएस में किसी बड़ी टेक कंपनी की छंटनी प्रक्रिया में शामिल रहे थे और विजा कंडीशन की वजह से भारत लौटने को मजबूर हो गए हैं।
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