प्रतिष्ठापरक मिल्कीपुर उपचुनाव में बुधवार को मतदान के बाद अब मतगणना जारी है। जनादेश का शनिवार को पता चल जाएगा और मिल्कीपुर को नया विधायक मिलेगा, जो तीसरी बार उपचुनाव से चुन कर आएगा। यह विधायक मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र के लिए 18वां जनप्रतिनिधि होगा। सपा प्रत्याशी अजीत प्रसाद व भाजपा प्रत्याशी चंद्रभानु पासवान सहित 10 उम्मीदवार चुनाव मैदान में रहे। मुख्य मुकाबला भाजपा व सपा उम्मीदवार के बीच रहा है। मतदान वाले दिन से ही सपा लगातार उपचुनाव में धांधली का आरोप लगाकर पुलिस प्रशासन व निर्वाचन आयोग को निशाने पर ले रही है। हालांकि, मिल्कीपुर के मतदाताओं ने रिकॉर्ड मतदान कर उपचुनाव में कम वोटिंग की धारणा को तोड़ दिया है। इससे यहां के परिणाम में भी रिकॉर्ड बनने की उम्मीद दोनों दलों को हैं। दोनों दल अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहे हैं।
मिल्कीपुर उपचुनाव सीएम योगी के लिए बहुत अहम
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जहां मिल्कीपुर उपचुनाव को अपनी नाक का सवाल बना लिया तो वहीं सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने अपनी प्रतिष्ठा से जोड़ रखा है। दो माह से चल रही राजनीतिक जद्दोजहद परिणाम आने के बाद खत्म होगी। इससे पहले मिल्कीपुर में वर्ष 1998 व वर्ष 2004 में उपचुनाव हुआ था। इन दोनों उपचुनावों के परिणाम सपा के पक्ष में रहे हैं। सपा प्रत्याशी के तौर पर रामचंद्र यादव ने दोनों उपचुनावों में जीत हासिल की। अब वह तीन बार से लगातार रुदौली से भाजपा विधायक हैं और इस चुनाव में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भाजपा उम्मीदवार को जिताने की विशेष जिम्मेदारी उनके कंधों पर डाली थी।
बड़ा सियासी संदेश देगा उपचुनाव का परिणाम
मिल्कीपुर का परिणाम न केवल उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेगा, बल्कि बड़ा राजनीतिक संदेश भी देगा। भविष्य की राजनीति के लिए यहां का परिणाम दोनों दलों के लिए अहम होगा। इस परिणाम पर पूरे देश की दृष्टि लगी है। उपचुनाव का परिणाम क्षत्रपों के रसूख का भी पैमाना बनेगा।
परिणाम उपचुनाव वर्ष 2004
सपा- रामचंद्र यादव - 89116
बसपा- आनंदसेन यादव - 54098
भाजपा- देवेंद्र मणि त्रिपाठी- 6751
परिणाम उपचुनाव वर्ष 1998
सपा- रामचंद्र यादव 36908
भाजपा- बृजभूषण त्रिपाठी - 33776
बसपा- दिनेश प्रताप सिंह - 33195
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