मध्यप्रदेश में दूषित पानी और ज़हरीली शराब से हो रही मौतों को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ ने राज्य सरकार पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। पूर्व सीएम कमलनाथ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखावर्ष 2025 की समाप्ति मध्य प्रदेश की जनता के लिए दुख और कष्ट की ख़बरों के साथ हो रही है।इंदौर शहर में दूषित पानी पीने से कई लोगों की मृत्यु और जबलपुर में ज़हरीली शराब पीने से एक ही इलाक़े के कई लोगों की पिछले छह महीने में मृत्यु के समाचार बताते हैं कि प्रदेश में क़ानून व्यवस्था और नागरिक आपूर्ति पूरी तरह ध्वस्त है।
आने वाले वर्ष में सरकार इस पर सख़्ती से काम करे
अपने मुख्यमंत्री कार्यकाल में मैंने शुद्ध के लिए युद्ध अभियान शुरू किया था। इसका मुख्य उद्देश्य था कि मध्य प्रदेश के नागरिकों को खाने-पीने की साफ़ सुथरी वस्तुएँ मिलें।दूषित जल से लोगों की मृत्यु का समाचार बताता है कि पेयजल सप्लाई की प्रणाली और व्यवस्था में गंभीर खामियां हैं। ज़हरीली शराब से मृत्यु बताती है कि प्रदेश में अवैध शराब का कारोबार जमकर चल रहा है।इससे पहले हम प्रदेश में करोड़ों रुपया की नशीली ड्रग्स पकड़ने की घटनाएँ देख चुके हैं।मेरा सरकार से आग्रह है कि मध्य प्रदेश की जनता के स्वास्थ्य की सुरक्षा भी सरकार की ज़िम्मेदारी है और आने वाले वर्ष में सरकार इस पर सख़्ती से काम करे।
क्या है मामला?
इंदौर के भागीरथपुरा क्षेत्र में बीते कुछ दिनों से लोग उल्टी, दस्त और पेट दर्द की शिकायत कर रहे थे। जांच में पता चला कि नर्मदा जल की मुख्य पाइपलाइन में लीकेज था, जो पुलिस चौकी के पास सार्वजनिक शौचालय के नीचे से गुजर रही थी। इससे गंदा पानी सीधे पीने के पानी में मिल गया। इसके परिणामस्वरूप तीन लोगों की मौत हुई, जिनमें एक बुजुर्ग और दो महिलाएं शामिल हैं। 100 से अधिक लोग अस्पतालों में भर्ती हैं, जबकि हजारों लोगों में हल्के लक्षण देखे गए। नगर निगम की टीम ने लीकेज का पता लगाकर खुदाई की और इसे ठीक किया। फिलहाल इलाके में टैंकर से पानी की सप्लाई शुरू कर दी गई है।
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