रायपुर, छत्तीसगढ़:राज्य सरकार ने छत्तीसगढ़ में पुलिस कमिश्नर प्रणाली को लागू करने का बड़ा फैसला लिया है। यह प्रणाली 23 जनवरी से राजधानी रायपुर में प्रभावी होगी, और इससे पुलिस विभाग को अतिरिक्त प्रशासनिक शक्तियां प्राप्त होंगी।
पुलिस कमिश्नर प्रणाली का उद्देश्य
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की 15 अगस्त को की गई घोषणा के बाद पुलिस कमिश्नर प्रणाली को लागू करने की तैयारियां शुरू हो गई थीं। गृह मंत्रालय द्वारा प्रस्तावित इस व्यवस्था को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। अब रायपुर में पुलिस कमिश्नर के रूप में IG स्तर के अधिकारी की तैनाती की जाएगी।
पुलिस विभाग को मिलेंगी अतिरिक्त शक्तियां
नई प्रणाली के तहत पुलिस विभाग को अतिरिक्त शक्तियां दी जाएंगी। इनमें धारा 144 को स्वयं लागू करने का अधिकार और जेल से जुड़े कई फैसले लेने की क्षमता शामिल हैं। पुलिस कमिश्नर प्रणाली के अंतर्गत पांच अलग-अलग रैंक के अधिकारियों की तैनाती की जाएगी:
पुलिस आयुक्त – ADG/IG
अतिरिक्त पुलिस आयुक्त – ASP
पुलिस उपायुक्त – SP
सहायक पुलिस आयुक्त – DSP
ACP – DIG रैंक
सियासी प्रतिक्रिया और विपक्ष का विरोध
पुलिस कमिश्नर प्रणाली के लागू होने से पहले ही सियासी हलचल तेज हो गई है। विपक्ष ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि प्रदेश में अपराधों के बढ़ने से सरकार के सुशासन के दावे सवालों के घेरे में हैं। कांग्रेस का आरोप है कि सरकार अपनी जवाबदेही तय करने के बजाय अधिकारियों को और अधिक शक्तियां देकर जनता की आवाज दबाने की कोशिश कर रही है।
सरकार का पक्ष
विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि पुलिस कमिश्नर प्रणाली का उद्देश्य कानून-व्यवस्था को और मजबूत करना है। उनका कहना था कि यह कदम अपराधों पर नियंत्रण पाने में मदद करेगा और छत्तीसगढ़ को एक सुरक्षित राज्य बनाने में सहायक साबित होगा।
आगे क्या होगा?
अब 23 जनवरी से लागू होने वाली यह नई व्यवस्था यह तय करेगी कि राजधानी रायपुर में कानून-व्यवस्था में कितनी सुधार होती है। वहीं, विपक्ष का कहना है कि इससे अपराधों पर काबू पाना मुश्किल होगा और सियासी बहस में और तेज़ी आएगी।
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