Curd Mistakes: अपने भोजन में दही को शामिल करने से आपको पूरे दिन निरंतर ऊर्जा मिल सकती है। इसकी प्रोटीन संरचना रक्त शर्करा के नियमन में सहायता कर सकती है और मीठा खाने की इच्छा को कम कर सकती है। इसके अलावा, दही के प्रोबायोटिक्स पाचन शक्ति सुधारने में सहायता करते हैं। दही सूजन और कब्ज के लक्षणों को भी कम करता है। हालांकि दही खाने के अलावा आपको इसके नकारात्मक प्रभावों से बचने के लिए कुछ सावधानियां भी बरतनी चाहिए।
दही खाने से पहले इन बातों का रखें ख्याल (Curd Mistakes)
- रात को दही खाने से करें परहेज
रात को दही खाने से शरीर में सुस्ती बढ़ सकती है, ऐसा बलगम बनने के कारण होता है। आयुर्वेद के अनुसार, दही के मीठे और तीखे गुण बलगम के निर्माण को बढ़ावा देते हैं, जिससे श्वसन संबंधी समस्याएं, नाक की नली में जमाव, गठिया बढ़ना और सूजन जैसी समस्या भी हो जाती है।
- दही का कच्चा सेवन न करें
दही को हमेशा चीनी, शहद, गुड़ या मसाले जैसे नमक, काली मिर्च, जीरा पाउडर के साथ ही लेना चाहिए। यह दही की प्रभावकारिता में सुधार करता है और बलगम के निर्माण को कम करता है।
- इस मौसम में दही खाने से बचें
बहुत से लोग रोजाना अपने भोजन के साथ दही खाना पसंद करते हैं, लेकिन साल के कुछ महीने ऐसे होते हैं जब आपको दही खाने से बचना चाहिए, क्योंकि यह समग्र स्वास्थ्य और पाचन को नुकसान पहुंचा सकता है। आयुर्वेद के अनुसार, बसंत, पतझड़ और सर्दियों के मौसम में दही खाने से बचना सबसे अच्छा है क्योंकि इस दौरान बलगम का निर्माण बढ़ सकता है।
- मांडजात दही से करें परहेज
चरक संहिता में उल्लिखित आचार्य चरक के शास्त्रों के अनुसार मांडजात मूल रूप से बिना पका हुआ दही है, जिसे खाने बचना चाहिए।
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