ऑपरेशन सिंदूर की कामयाबी के बाद भारत अभी पाकिस्तान को बख्शने के मूड में नहीं है। भारत ने अब पाकिस्तान को दुनिया से पूरी तरह अलग-थलग करने का प्लान बना लिया है। भारत पहली बार जून की शुरुआत में 5 मध्य एशियाई देशों के विदेश मंत्रियों की मेजबानी करेगा। इस मेजबानी के दौरान आतंकवाद को लेकर भी अहम बैठक होगी।
भारत इन देशों के सामने पाकिस्तान की आतंक नीति का हर तरह से खुलासा करेगा जिससे दुनिया में संदेश जाए कि पाकिस्तान आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है। मध्य एशिया, भारत के पड़ोस में स्थित है और यह अफगानिस्तान और पाकिस्तान के करीब है। इसलिए, मध्य एशिया को भी आतंकवाद का सामना करना पड़ रहा है। अब इन देशों को भी बताया जाएगा कि पाकिस्तान कैसे आतंकवादियों का अड्डा बनता जा रहा है।
इस मीटिंग के बाद, भारत-मध्य एशिया शिखर सम्मेलन का आयोजन हो सकता है।
इस मीटिंग में आतंकवाद से निपटने के तरीकों पर बात होगी
विदेश मंत्रियों की इस मीटिंग में आतंकवाद से निपटने के तरीकों पर बात होगी। इसके साथ ही, यूरेशिया में कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने पर भी ध्यान दिया जाएगा। इसमें इंटरनेशनल नॉर्थ साउथ ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर (INSTC) और ईरान में चाबहार पोर्ट जैसे प्रोजेक्ट शामिल हैं।
भारत को मिल रहे पड़ोसी देशों से अच्छे संकेत
जानकारी के मुताबिक कजाकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज्बेकिस्तान ने INSTC और चाबहार पोर्ट के जरिए भारत को सामान भेजना शुरू कर दिया है। भारत मध्य एशिया से प्राकृतिक संसाधन और जरूरी खनिज खरीदना चाहता है। इसके अलावा, भारत, मध्य एशिया के साथ रक्षा संबंध भी बढ़ाना चाहता है। भारत को सोवियत संघ के समय से मध्य एशिया में अच्छी साख मिली हुई है।
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