हिंद महासागर में अब बदलाव और अशांति का सबसे बड़ा तूफान पैदा होने वाला है, जिसका असर दुनिया के तमाम देशों पर हो सकता है। विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने शुक्रवार को कहा कि हिंद महासागर में ‘‘ अशांति पैदा करने वाले’’ बदलाव होने की आशंका है और भारत को इसके लिए तैयार रहने की जरूरत है। उनकी यह टिप्पणी क्षेत्र में चीन की बढ़ती समुद्री गतिविधियों को लेकर चिंताओं की पृष्ठभूमि में आई है। एक विचारक संस्था के संवाद सत्र को संबोधित करते हुए जयशंकर ने किसी देश का नाम लिए बिना कहा कि भारत के पड़ोस में जो प्रतिस्पर्धा देखी गई है, वह निश्चित रूप से हिंद महासागर में भी होगी।
पड़ोसियों के साथ भारत लगातार बढ़ाता रहा है सहयोग
जयशंकर ने कहा,‘‘समय-समय पर हमें चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। हमारे कुछ पड़ोसियों के यहां ऐसे मौके आए हैं जब हम राजनीतिक मुद्दा बन गए हैं।’’ विदेशमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि वैश्विक परिदृश्य बदल गया है और आगे भी बदलता रहेगा।
हिंद महासागर बदलाव और अशांति के बड़े तूफान से गुजरने वाला है। ‘‘भारत की प्राथमिक चिंताएं और चुनौतियां भी उस परिवर्तन को प्रतिबिंबित करती हैं। हम प्रतिस्पर्धा के नए रूपों पर विचार कर रहे हैं जो उच्च स्तर पर पहुंच और अंतर-निर्भरता का लाभ उठाते हैं।’
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