अमेरिकी मुद्रा में गिरावट तथा कच्चे तेल की कीमतों में नरमी के बीच रुपया शुरुआती कारोबार में अपने अब तक के सबसे निचले स्तर से उबरकर 21 पैसे मजबूत हुआ और 86.49 प्रति डॉलर पर पहुंच गया।
अमेरिकी मुद्रा में गिरावट तथा कच्चे तेल की कीमतों में नरमी के बीच रुपया शुरुआती कारोबार में अपने अब तक के सबसे निचले स्तर से उबरकर 21 पैसे मजबूत हुआ और 86.49 प्रति डॉलर पर पहुंच गया। विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने बताया कि भारतीय मुद्रा को मुद्रास्फीति के सकारात्मक आंकड़ों और घरेलू बाजारों में कुछ सुधार से समर्थन मिला, हालांकि विदेशी पूंजी की निकासी अब भी उस पर दबाव बनाती रही।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 86.57 प्रति डॉलर पर खुला। शुरुआती सौदों के बाद डॉलर के मुकाबले 86.49 पर पहुंच गया जो पिछले बंद भाव के मुकाबले 21 पैसे की बढ़त दर्शाता है। रुपए में एक सत्र में करीब दो साल की सबसे बड़ी गिरावट सोमवार को दर्ज की गई। वह 66 पैसे की गिरावट के साथ अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 86.70 के सर्वकालिक निचले स्तर पर बंद हुआ था। रुपया 30 दिसंबर को 85.52 के स्तर पर बंद होने के बाद से पिछले दो सप्ताह में एक रुपए से अधिक की बड़ी गिरावट देख चुका है। रुपया पहली बार 19 दिसंबर 2024 को 85 प्रति डॉलर के पार गया था।
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