भोपाल। मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग ने सरकारी कॉलेजों में शिक्षकों की उपस्थिति को लेकर सख्ती बरतते हुए डिजिटल अटेंडेंस सिस्टम अनिवार्य कर दिया है। अब राज्य के सभी शासकीय कॉलेजों के प्राध्यापकों और शिक्षकों को हर दिन कम से कम 6 घंटे कॉलेज में उपस्थित रहना अनिवार्य होगा। यदि निर्धारित समय से कम उपस्थिति दर्ज होती है, तो वेतन में कटौती की जाएगी।
अब मोबाइल ऐप से होगी उपस्थिति
डिजिटल अटेंडेंस की व्यवस्था के तहत शिक्षकों को अब मोबाइल ऐप या पोर्टल के माध्यम से लॉगिन और लॉगआउट करना होगा। इसमें उनके कॉलेज पहुंचने और निकलने का समय दर्ज किया जाएगा। यह डेटा स्वचालित रूप से उच्च शिक्षा विभाग की निगरानी में रहेगा।
क्यों लागू हुआ यह नियम?
उच्च शिक्षा विभाग को लंबे समय से शिकायतें मिल रही थीं कि कई प्राध्यापक कॉलेज समय में उपस्थित नहीं रहते या फिर निर्धारित कार्यकाल से कम समय तक कॉलेज में रहते हैं। इसी को देखते हुए यह व्यवस्था लाई गई है ताकि शिक्षण गुणवत्ता में सुधार हो और छात्रों को नियमित मार्गदर्शन मिल सके।
विभागीय अधिकारियों ने क्या कहा?
विभागीय सूत्रों के अनुसार, यह निर्णय शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने और प्रोफेशनल अनुशासन सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है। यदि कोई शिक्षक तय समय से पहले कॉलेज छोड़ता है या अटेंडेंस अपडेट नहीं करता है, तो प्रत्येक दिन का वेतन काटा जाएगा।
कब से लागू होगा आदेश?
यह आदेश जल्द ही सभी कॉलेजों को भेजा जाएगा और अगले सत्र से प्रभावी रूप से लागू कर दिया जाएगा। उच्च शिक्षा मंत्री द्वारा इस दिशा में पहले ही संकेत दिए जा चुके थे।
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