डिंडोरी जिले की कलेक्टर डॉ. नेहा मारव्या ने सोमवार को एक नया आदेश जारी किया, जिसमें पत्रकारों और सामाजिक संगठनों को कलेक्टर कार्यालय में बिना पूर्व अनुमति प्रवेश करने से रोक दिया गया है। आदेश का उद्देश्य शांति व्यवस्था बनाए रखना और अनावश्यक भीड़ से बचाव बताया गया है।
जारी आदेश के अनुसार, अब कोई भी पत्रकार, सामाजिक कार्यकर्ता या व्यक्ति बिना पूर्व स्वीकृति कलेक्टर परिसर में न तो प्रवेश कर सकेगा और न ही किसी अधिकारी से साक्षात्कार या रिकॉर्डिंग कर सकेगा। साथ ही, चार या उससे अधिक लोगों के एकत्रित होने, बैनर-पोस्टर लाने या लाउडस्पीकर आदि के उपयोग पर भी प्रतिबंध रहेगा।
आदेश का कानूनी आधार:
यह प्रतिबंध भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के अंतर्गत लागू किया गया है, जो जिला प्रशासन को लोक व्यवस्था बनाए रखने के लिए अधिकार देता है।
संशोधन के बाद स्पष्टीकरण:
आदेश को लेकर सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएं आने के बाद, प्रशासन ने शाम तक एक संशोधित आदेश भी जारी किया, जिसमें स्पष्ट किया गया कि यह रोक पत्रकारों की रिपोर्टिंग पर नहीं, बल्कि “बिना पूर्व सूचना के समूह में प्रवेश” पर है।
कलेक्टर डॉ. नेहा मारव्या का बयान:
“कार्यालय में भीड़भाड़ और बिना अनुमति बैठकें या प्रदर्शन रोकना जरूरी है। मीडिया हमारी लोकतंत्र की आवाज है, पर प्रक्रिया का पालन भी जरूरी है।”
मुख्य बिंदु संक्षेप में:
- बिना अनुमति कलेक्टर कार्यालय में प्रवेश वर्जित
- पत्रकारों को पूर्व स्वीकृति लेनी होगी
- समूह, बैनर, पोस्टर और लाउडस्पीकर पर भी रोक
- संशोधित आदेश में प्रेस की स्वतंत्रता पर स्पष्टीकरण
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