झारखंड के पास कम दबाव का क्षेत्र सक्रिय है, इसके साथ ही दो अन्य मौसम प्रणालियां भी प्रदेश में सक्रिय हैं, जिससे मध्य प्रदेश के कई इलाकों में बारिश हो रही है। आज ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, दतिया, अशोकनगर, रीवा, सतना, सीधी, भिंड, मुरैना, श्योपुर, सिंगरौली, मऊगंज, मैहर, शहडोल, उमरिया और अनूपपुर जिलों में भारी बारिश होने की संभावना जताई गई है।
बारिश के आंकड़े और रिकॉर्ड
मंगलवार सुबह साढ़े आठ बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक मलाजखंड में 46 मिमी, सीधी में 33 मिमी, श्योपुर में 26 मिमी, सिवनी में 24 मिमी, बैतूल में 20 मिमी, शिवपुरी में 19 मिमी, मंडला में 17 मिमी, पचमढ़ी और नरसिंहपुर में 13-13 मिमी, छिंदवाड़ा में 11 मिमी, जबलपुर में 8 मिमी, टीकमगढ़ और रायसेन में 6-6 मिमी, उमरिया में 5 मिमी, नौगांव, रीवा और नर्मदापुरम में 3-3 मिमी, भोपाल में 2 मिमी और दतिया में 1 मिमी बारिश दर्ज की गई।
मुरैना में बाढ़ जैसे हालात
ग्वालियर-चंबल अंचल से लेकर बुंदेलखंड तक मानसून ने रिकॉर्ड तोड़ बारिश की है। मुरैना में 24 घंटे के अंदर 205 मिलीमीटर बारिश होने से कई बस्तियों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। यह पिछले 45 वर्षों में जुलाई के पहले दिन की सबसे अधिक बारिश है। भारी बारिश के कारण कई क्षेत्रों में सड़कें जलमग्न हो गई हैं और सरकारी कार्यालयों में पानी भर गया है। शिवपुरी और भिंड में भी कई रपटे डूबे हैं।
नदियों का जलस्तर बढ़ा, प्रशासन अलर्ट पर
टीकमगढ़ से छतरपुर होते हुए भिंड तक नदियों का जलस्तर बढ़ा हुआ है। ग्वालियर में सोमवार रात 10 बजे से मंगलवार सुबह 6 बजे तक 104.6 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई। मुरैना कलेक्टर और एसपी बंगलों के परिसर में पानी 1 से डेढ़ फीट तक भर गया है। इसके अलावा एसपी ऑफिस, कोतवाली, पुरानी कलेक्टोरेट और जनपद परिसर में दो फीट से अधिक पानी जमा हो चुका है। प्रशासन ने लोगों को सतर्क रहने और सुरक्षित रहने की सलाह दी है।
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