मुंबई 2008 आतंकी हमले का दोषी तहव्वुर राणा को आज भारत लाया जाएगा। रिपोर्ट्स की मानें तो बुधवार को जांच एजेंसी एनआईए और खुफिया एजेंसी रॉ की संयुक्त टीम फ्लाइट से तहव्वुर को लेकर भारत के लिए रवाना हो चुकी है। आज दोपहर दिल्ली एयरपोर्ट पर फ्लाइट लैंड होगी। दिल्ली एयरपोर्ट से ही NIA के हेडक्वार्टर तहव्वुर को गिरफ्तार कर ले जाया जाएगा। इससे पहले दोषी तहव्वुर राणा द्वारा भारत आने से बचने के लिए अमेरिका की सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। हालांकि इस याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया था। तहव्वुर ने भारत आने पर अपनी जान को खतरा बताया था। इसके अलावा याचिका में खुद को पार्किंसन बीमारी से पीड़ित भी बताया था।
अमेरिका की सुप्रीम कोर्ट ने तहव्वुर राणा को दिया झटका
दरअसल, याचिका में तहव्वुर राणा का कहना था कि अगर उसे भारत डिपोर्ट किया जाता है तो उसे प्रताड़ित किया जा सकता है। मुंबई हमले में तहव्वुर राणा पर कई गंभीर आरोप लगे हैं। इसे लेकर उसने अमेरिकी कोर्ट में दलील दी थी कि भारत में उसकी जान को खतरा है। उसने तर्क दिया था कि ह्यूमन राइट्स वॉच 2023 की वर्ल्ड रिपोर्ट में भारत की भाजपा सरकार द्वारा धार्मिक अल्पसंख्यकों, विशेष रूप से मुसलमानों के साथ भेदभाव करने की बात सामने आई है। उसने यह भी कहा कि भारत में तानाशाही बढ़ रही है, इसलिए उसे भारत नहीं भेजा जाना चाहिए। तहव्वुर राणा ने यह भी दावा किया था कि वह मूल रूप से पाकिस्तान का मुस्लिम है, इसलिए उसे भारत में प्रताड़ित किया जाएगा। इसके अलावा, उसने अपनी खराब सेहत का हवाला देते हुए कहा था कि वह पार्किंसन जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रहा है। हालांकि, अमेरिका की सुप्रीम कोर्ट ने उसकी सभी दलीलों को खारिज कर दिया है।
166 लोगों की गई थी जान
तहव्वुर राणा पाकिस्तानी मूल का कनाडाई नागरिक है और 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक अमेरिकी नागरिक डेविड कोलमैन हेडली का करीबी है। 26 नवंबर 2008 को 10 पाकिस्तानी आतंकवादियों के एक समूह ने मुंबई में एक रेलवे स्टेशन, दो होटलों र एक यहूदी केंद्र पर हमला किया था। साल 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों में छह अमेरिकियों समेत कुल 166 लोग मारे गए थे। इन हमलों को 10 पाकिस्तानी आतंकवादियों ने अंजाम दिया था। इसी मामले में नवंबर 2012 में, पाकिस्तान के आतंकवादी अजमल कसाब को पुणे की यरवदा जेल में फांसी दे दी गई थी। भारत कई वर्षों से राणा के प्रत्यर्पण का प्रयास कर रहा था, क्योंकि उसके लश्कर-ए-तैयबा और हेडली के साथ संबंध हैं। राणा ने अमेरिका में उपलब्ध सभी कानूनी विकल्पों का उपयोग किया, लेकिन उसे हर जगह से झटका मिला।
ट्रंप ने किया था ऐलान
फरवरी में व्हाइट हाउस में प्रधानमंत्री मोदी के साथ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा की थी कि उनके प्रशासन ने दुनिया के सबसे बुरे व्यक्ति राणा को भारत में न्याय का सामना करने के लिए प्रत्यर्पित करने की मंजूरी दे दी है।
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