फसलों पर कीटनाशकों के ज्यादा इस्तेमाल और भूजल में तय सीमा से अधिक मौजूद भारी धातु लोगों के सेहत पर बुरा प्रभाव डाल रहे हैं। ये तत्व शरीर में घुल रहे हैं और खतरनाक बीमारियों को जन्म दे रहे हैं। इससे आकस्मिक गर्भपात व समय से पहले प्रसव की दर में भी बढ़ोतरी हुई है। एक अध्ययन के अनुसार भारी धातु और कीटनाशकों से अत्याधिक प्रदूषित क्षेत्र में एक हजार बच्चों के जन्म पर आकस्मिक गर्भपात की दर 20.6% और समय से पहले प्रसव की 6.7% दर्ज की गई है। ये सामान्य से ज्यादा है। यह खुलासा पीजीआई चंडीगढ़ के सामुदायिक चिकित्सा विभाग की रिपोर्ट में हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार भूजल, सब्जियों, मानव रक्त व मां के दूध में कीटनाशकों के अवशेष मिले हैं, जो चिंता का विषय है। इससे कैंसर का खतरा भी बढ़ गया है।
भूजल, सब्जियों में पाए गए खतरनाक तत्व
इसी तरह दूषित पानी भी प्रदेश में लोगों की सेहत पर हानिकारक प्रभाव डाल रहा है। यह पानी लोगों के शरीर में घुल रहा है, जो कैंसर को जन्म दे रहा है। स्टडी में भूजल, सब्जियों और मानव मूत्र में भी भारी धातुओं की मौजूदगी सामने आई है। पंजाब में एक स्टडी के अनुसार एक जिले में जहां महिलाओं में ब्रेस्ट और सर्वाइकल कैंसर की समस्या अधिक है, वहीं दूसरे बाकी जिलों में ब्लड कैंसर, लिम्फोमा और बोन कैंसर का अधिक खतरा अधिक बढ़ गया है।
जैविक खेती पर बढ़ावा देने पर जोर
स्टडी में सिफारिश की गई है कि इन खतरों को कम करने के लिए किसानों को कम कीटनाशकों के उपयोग के साथ जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए, जिसके लिए किसानों को विशेष सब्सिडी दी जा सकती है। इसे लेकर एक पॉलिसी लाने पर भी जोर दिया गया है।
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