अमरीकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने टैरिफ वॉर शुरू कर दिया है, लेकिन इससे भारतीय फार्मा सेक्टर में फिलहाल उत्साह का माहौल है। इसका कारण यह है कि भारत के फार्मास्युटीकल क्षेत्र को टैरिफ से दूर रखा गया है। अमरीका जेनेरिक दवा के मामले में काफी हद तक भारत पर निर्भर है।
अभी भारतीय दवा निर्माता अमरीका में जेनेरिक दवा की जरूरत का 17% आपूर्ति करते हैं। इसमें मध्यप्रदेश की अच्छी भागीदारी है। प्रदेश में 125 फार्मा कंपनियां हैं। इनमें इंदौर व पीथमपुर में ही स्पेशल इकोनॉमी जोन (SEZ) की 60% कंपनियां दवा निर्यात कर रही हैं। टैरिफ वॉर से बाहर भारतीय फार्मा सेक्टर के एक्सपोर्ट सेक्टर को और ज्यादा कारोबार की उम्मीद है।
जेनेरिक दवा हमसे लेना अमरीका की जरूरत
इंडियन ड्रग्स मैन्युफैक्चरिंग एसोसिएशन एमपी चैप्टर के वाइस प्रेसीडेंट ने बताया कि अमरीकी राष्ट्रपति ने 27% के टैरिफ से भारतीय फार्मा उद्योग को छूट दी है। भारतीय कंपनियां अमरीका में दवा आपूर्ति में अहम भूमिका निभाती हैं। भारतीय फार्मा बाजार 2024 में 65.20 अरब अमरीकी डॉलर था। 2030 तक 106.67 अरब अमरीकी डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। यह 8.75% की वार्षिक दर से बढ़ रहा है।
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